दैनिक हिमाचल न्यूज- बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र अब हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन उनसे जुड़ी छोटी-छोटी बातें, उनके किस्से और उनका सरल स्वभाव हमेशा यादों में ज़िंदा रहेंगे।
ऐसा ही एक किस्सा उन्होंने वर्षों पहले एक रिएलिटी शो में खुद सुनाया था—कहानी उनके कॉलेज के दिनों की थी।

धर्मेंद्र बताते थे कि उनके पिता किशन सिंह देओल एक सख्त हेडमास्टर थे। घर में पढ़ाई को लेकर अनुशासन इतना था कि स्कूल लाइफ में उन्हें चाहकर भी कोई शरारत करने की हिम्मत नहीं होती थी।

लेकिन कॉलेज की दुनिया अलग थी।
दोस्त, आज़ादी और मस्ती ने उन्हें भी बहा लिया। पढ़ाई पीछे रह गई और रिज़ल्ट गिरने लगे।

इसी दौर में उन्होंने एक शरारत की—
उन्होंने कॉलेज के हेड क्लर्क को कुछ रुपए देकर कहा कि उनकी खराब मार्कशीट घर न भेजी जाए। क्लर्क ने पैसे रख लिए और वादा भी कर दिया।
लेकिन मार्कशीट फिर भी घर पहुंच गई!

घर में पूछताछ हुई तो धर्मेंद्र ने अपनी मां के सामने सब सच कबूल लिया।
उन्होंने कहा कि पिता की नाराज़गी से डरकर उन्होंने मार्कशीट रोकने की कोशिश की, लेकिन अब उन्हें अपना किया गलत लग रहा है। उनकी यह सच्चाई और शर्मीलापन आज भी लोगों को मुस्कुराने पर मजबूर कर देता है।

धर्मेंद्र के पिता लुधियाना के लालटन कलां गांव के स्कूल में हेडमास्टर थे। धर्मेंद्र ने अपनी शुरुआती पढ़ाई वहीं की और फिर साल 1952 में रामगढ़िया कॉलेज, फगवाड़ा से बारहवीं पूरी की।

आज धर्मेंद्र जी के निधन के बाद यह किस्सा फिर याद आता है—
एक सुपरस्टार बनने से पहले वह भी एक आम बेटे की तरह थे…
पिता से डरने वाले, गलतियों पर शर्मिंदगी महसूस करने वाले, और दिल से बेहद साफ़ इंसान।
उनकी यादें हमेशा दिलों में रहेंगी।
ओम शांति। 🙏

