दैनिक हिमाचल न्यूज ब्यूरो – जिला मंडी की तहसील करसोग की ग्वालपुर पंचायत स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ग्वालपुर में शिक्षकों की भारी कमी के कारण विद्यार्थियों का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है। विद्यालय में वर्तमान में कक्षा 6 से +2 तक की पढ़ाई के लिए केवल तीन अध्यापक कार्यरत हैं, जबकि शेष पद वर्षों से खाली पड़े हैं। स्थानीय लोग अपनी ओर से प्राइवेट टीचर्स की व्यवस्था कर रहे हैं, लेकिन अभिभावकों का कहना है कि यह लंबे समय तक संभव नहीं है।

सामाजिक कार्यकर्ता भूषण मेहता ने आरोप लगाया कि सरकार व प्रशासन विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि विद्यालय के SMC प्रधान ज्ञान चंद ठाकुर ने इस समस्या को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर को कई बार ज्ञापन सौंपे, लेकिन आज तक कोई समाधान नहीं निकला। उल्टे पिछले छह महीनों में चार अध्यापकों का तबादला कर दिया गया और नए पदों पर भर्ती पर रोक लगा दी गई।

भूषण मेहता ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रदेश की सरकारें, चाहे भाजपा हो या कांग्रेस, दोनों ही इस विद्यालय के साथ राजनीति कर रही हैं। बीते 10 वर्षों से विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार में धकेला जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि विशेष रूप से वर्तमान सुक्खू सरकार ने “व्यवस्था परिवर्तन” के नाम पर इस विद्यालय को उपेक्षित कर दिया है।
उन्होंने बताया कि आर्थिक तंगी झेल रहे ग्रामीण अभिभावक अपने बच्चों को निजी स्कूलों में नहीं भेज सकते। भारी बारिश व आपदाओं के कारण खेती-बाड़ी भी प्रभावित हुई है। ऐसे में सरकार का यह रवैया बच्चों के भविष्य के साथ अन्याय है।
ग्रामीणों व अभिभावकों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई तो वे विद्यालय को अनिश्चितकालीन बंद कर सरकार के खिलाफ सचिवालय का घेराव करेंगे।


