अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर अंबुजा फाउंडेशन दाड़लाघाट ने महिलाओं के अधिकारों और सशक्तिकरण पर कार्यक्रम आयोजित किया

ब्यूरो,दैनिक हिमाचल न्यूज़:-दाड़लाघाट,अंबुजा फाउंडेशन दाड़लाघाट की महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का थीम अधिकार समानता और सशक्तिकरण विषय पर सफल आयोजन अंबुजा के सभागार में दाड़लाघाट किया गया जिसमे 700 से ज्यादा महिलाओं ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित की। इस दौरान इकाई प्रमुख राजेंद्र सिंह कुर्मी,एचआर हेड दिग्विजय शर्मा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की।

कार्यक्रम में समाज मे स्त्रियों की महत्ता पर बल देते हुए कहा कि इतिहास में अनेक विदुषी और ज्ञानी स्त्रियां हुई है जिन्होंने समय समय पर मार्गदर्शन दिया है और स्त्रियों ने आगे बढ़कर महिलाओं को शिक्षा में आगे बढ़कर महत्वपूर्ण योगदान दिया है। थाना प्रभारी दाड़लाघाट मोती सिंह ने महिलाओं को मिले संविधान में न्यायिक और कानूनी अधिकार के ऊपर विस्तृत वर्णन प्रस्तुत किया जिससे महिलायें अपने कानूनी अधिकार के प्रति सचेत हो सके और अन्याय के प्रति आगे बढ़ सके। डॉ मानवी चौधरी ने महिला मंडल के माध्यम से आजीविका को सशक्त कर सके इसकी महत्ता पर बल दिया।

स्वयं सहायता समूहों ने दाड़लाघाट में अपनी भूमिका को सहयोग के माध्यम से रेखांकन किया है। महिला समूहों ने अपनी भूमिका को सुनिश्चित और सुदृढ़ किया है। कार्यक्रम का प्रारंभ महिलाओं के लिए समाज और देश के संविधान में अधिकार,समानता और सशक्तिकरण के विषयवस्तु उद्देश्य के साथ की गई। महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने और उन्हें प्रेरित करने के लिए अंबुजा फाउंडेशन द्वारा चलाए जा रहे सामाजिक,आर्थिक,आजीविका और स्वास्थ्य कार्यकमों के माध्यम से होने वाले व्यक्तिगत,पारिवारिक और सामाजिक परिवर्तनो पर पड़ने वालो प्रभावो की रूप रेखा कार्यक्रम प्रबंधक भूपेंद्र गांधी की तरफ से दी गई कि पिछले 20 वर्षों में ये कार्य किस तरह से महिला उत्थान के लिए किए गए और भविष्य में भी जारी रहेंगे,एक छोटी सी शुरुआत ने आज दाड़लाघाट के करीब 150 से अधिक गाँव में 3000 से अधिक महिलाओं को बचत की आदत से आरम्भ हुए राशि को करोड़ो रुपये का फेडरेशन खड़ा कर दिया है,आज महिला समूह की सदस्य इतनी शशक्त और मजबूत हुई कि अमृतधारा दुग्ध सहकारी समिति प्रतिदिन दूध का विपरण,दही और पनीर का उत्पादन कर रही है।

स्वास्थ्य और शिक्षा से महिला जुड़ीं हुई है यही नही महिलाओं ने अपनी भागीदारी कृषि,पशुपालन और आजीविका के अन्य साधनों से जुड़ कर निरंतर आगे बढ़ रही है,महिलाओं के अधिकार और उनके रक्षण कैसे की जा सकती है,इसकी जानकारी नीलम ठाकुर और आरती सोनी ने बताया कि समय के साथ महिलाओं को शिक्षित होने और अपने लिए जागरूक होने और पारिवारिक और सामाजिक मूल्यों के साथ साथ स्वम का विकास करने की भी नितान्त आवश्यक है। महिला दिवस कार्यक्रम की रूपरेखा एक स्थायी कल के लिए आज के परिवेश में समानता के उद्देश्यों के साथ कार्यक्रम किये गए। इस कार्यक्रम में महिलाओं के जीवन से जुड़े समाजिक भेदभाव,लैंगिक असमानता,दैहिक शोषण,स्त्री शिक्षा,मद्यपान और व्यसन पर लघुनाटिकाएँ पशु स्वास्थ्य सेविकाए,कृषि मित्र,महिला समहू की सदस्यों और सेड़ी के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत किये गए। साथ ही साथ हिमाचल के लोक संगीत,नाटी और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए।

महिलाओं प्रतिभागियों और महिला समूह के सदस्यों को उनके योगदान के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अंबुजा फाउंडेशन दाड़लाघाट के जन भागीदारी को सुनिश्चित करती रहे,इसके लिए पूरी टीम और समुदाय को मिलजुल आगे बढ़ते रहे ताकि सामाजिक परिवर्तन की दिशा में महिलाएं निरंतर आगे बढ़ सके। सामाजिक बदलाव में किये गए कार्यो हेतु स्वम सेवको को स्मृति चिन्ह प्रदान किये गए। कार्यक्रम में पशु चिकित्सा अधिकारी दाड़लाघाट डॉ मानवी चौधरी,जिला परिषद सदस्य हीरा कौशल,प्रधान कोटलू नर्मदा शर्मा,प्रधान रौडी रीना शर्मा,इकाई प्रमुख अंबुजा सीमेंट लिमिटेड राजेंद्र सिंह कुर्मी,एचआर हेड अंबुजा सीमेंट लिमिटेड दिग्विजय शर्मा,थाना प्रभारी दाड़लाघाट मोती सिंह,अंबुजा वेज बोर्ड और अंबुजा लेडीज क्लब के सदस्यगण तथा फॉर्मर प्रोड्यूसर संस्था अमृतधारा के सदस्य शामिल रहे।

LIC

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