ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज:- सोलन जिले के धर्मपुर थाना क्षेत्र में एक पेट्रोल पंप मालिक के नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर 1 करोड़ रुपये की हेराफेरी करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने इस मामले में को-ऑपरेटिव सोसाइटी के चेयरमैन और मैनेजर को गिरफ्तार किया है।

क्या है मामला?
देवठी, सोलन निवासी परस राम ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी कि 1995 से संचालित उनके M/S शांति फिलिंग स्टेशन रड़ियाना सुबाथू के नाम पर धोखाधड़ी की गई। 2020 में जब वे बीमार हो गए, तो उनके मित्र सुशील कुमार ने पेट्रोल पंप का संचालन संभाला। इस दौरान सुशील कुमार को पीएनबी और एचडीएफसी बैंक की चेक बुक दी गई थी ताकि व्यापार में कोई बाधा न आए।

परस राम का आरोप है कि उनकी अनुपस्थिति में सुशील कुमार ने खुद को पेट्रोल पंप का 50% हिस्सेदार दिखाते हुए फर्जी दस्तावेज तैयार किए। इसके अलावा, बिना अनुमति उनके नाम से N.A.T.C.S. सुबाथू में फर्जी हस्ताक्षर कर खाता खोला गया और लोन लिया गया। पेट्रोल पंप की आमदनी को-ऑपरेटिव सोसाइटी के खाते में जमा कराई गई, जहां से इसे आगे अन्य खातों में ट्रांसफर किया जाता रहा।

कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?
- पेट्रोल पंप की आमदनी करीब 2.5 लाख रुपये प्रतिदिन थी, जिसे कर्मचारी सुशील कुमार को सौंप देते थे।
- रात की आमदनी सोसाइटी के कर्मचारी सुरेश कुमार के जरिए मैनेजर अमर लाल के पास जमा कराई जाती थी, लेकिन इसकी कोई रसीद नहीं दी जाती थी।
- 2022 में जब परस राम ने पंप दोबारा संभाला तो CA की बैलेंस शीट जांच में 80 लाख रुपये की कमी पाई गई।
- जांच में सामने आया कि सुशील कुमार और सोसाइटी मैनेजर अमर लाल ने फर्जी दस्तावेज बनाकर परस राम के नाम से झूठे खाते खोले, लोन लिया और पैसों की हेराफेरी की।
पुलिस जांच और गिरफ्तारी
पुलिस चौकी सुबाथू की टीम ने को-ऑपरेटिव सोसाइटी का रिकॉर्ड और ऑडिट रिपोर्ट कब्जे में लेकर जांच की। सबूतों के आधार पर 28 जनवरी 2025 को आरोपी अमर लाल कश्यप (53) और सुशील कुमार गर्ग (75) को गिरफ्तार कर लिया गया है।
मामले की जांच जारी है और अन्य वित्तीय लेन-देन की भी जांच की जा रही है।


