ब्यूरो दैनिक हिमाचल न्यूज :- दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से अर्की उपमंडल के पिपलूघाट के समीप सीमू गांव में पांच दिवसीय शिव कथा के दौरान कथा व्यास साध्वी सोनिया भारती ने सती पार्वती द्वारा अलग अलग जन्मों में भगवान भोलेनाथ की अनन्य भक्ति के बारे में विस्तार से बताया।

देवी पार्वती अपने गुरु नारद जी की प्रेरणा से भगवान भोलेनाथ को पति रूप में प्राप्त करने के लिए भक्ति मार्ग पर चलती है, इस दौरान सप्त ऋषि और अन्य देवगण उनकी भक्ति की और दृढ़ संकल्प की परीक्षा लेते हैं। लेकिन देवी पार्वती हर परीक्षा में पास हो जाती है। कथा व्यास ने शिव विवाह, शिव श्रृंगार तथा बारातियों के रूप में देवताओं और राक्षसों की भूमिका की अत्यंत सारगर्भित व्याख्या की। उन्होंने कहा कि यह शरीर मिट्टी का बना एक क्षणभंगुर पुतला है तथा इंसान को यह भी पता नहीं कि जो सांस हम ले रहे हैं वह पूरी भी ले पाएंगे या नहीं। उन्होंने कहा कि शरीर रूपी मकान में हड्डियां ईटों का काम कर रही है तथा खून गारे के रूप में इन हड्डियों को मजबूती प्रदान करता रहता है। इस शरीर में पांच विकार ऐसे हैं जो हमें लगातार हरि चिंतन तथा हरि मिलन से रोकते रहते हैं । जो मनुष्य पूर्ण सद्गुरु के चरणों का सहारा लेकर ईश्वर ध्यान में जुड़ता है वही पांच विकारों से मुक्ति प्राप्त करता है।कथा प्रवचन के दौरान संस्थान की टीम ने संत तुलसीदास, कबीर की रचनाओं के लयबद्ध गायन से उपस्थित पंडाल को भक्ति रस में सराबोर कर दिया।
