
ब्यूरो,दैनिक हिमाचल न्यूज़:-(सोलन) विधानसभा क्षेत्र दून के पूर्व विधायक राम कुमार चौधरी शनिवार को सोलन पहुंचे।इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर डीसी ऑफिस के बाहर उपायुक्त सोलन और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।उनका आरोप है की नगर परिषद् बद्दी में बिना बजट व् टेंडर के स्थानीय विधायक अवैध तरीके से कार्य कर रहे है जिसको लेकर डीसी सोलन को अविश्वास प्रस्ताव दिया गया लेकिन डीसी सोलन सरकार के दबाव में आकर इस मुद्दे पर निष्पक्ष तरीके से कार्यवाई नहीं कर रही है।इस दौरान जैसे ही वह बातचीत के लिए डीसी कार्यालय के भीतर प्रवेश करने लगे तो तैनात पुलिस कर्मियों ने उन्हें रोक दिया,इस कारण दोनों के बीच धक्का मुक्की शुरू हो गयी।इस मुद्दे पर पूर्व विधायक और डीसी सोलन के बीच काफी बहसबाजी हुई।पूर्व विधायक राम कुमार चौधरी ने कहा की नगर परिषद् बद्दी में दबाव के माध्यम से कांग्रेस के एक पार्षद को भाजपा में शामिल कर नगर परिषद् का गठन हुआ।नगर परिषद् में 1 साल से गोलमाल चला हुआ है बिना बजट व् टेंडर के स्थानीय विधायक ने करोड़ो रुपये के काम करवाए है जो की अवैध है इस बात के चलते बीजेपी के तीन पार्षद नाराज़ थे जिसको लेकर उन्होंने डीसी सोलन को अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया था।कानूनन डीसी सोलन को 15 दिन के अंदर मौजूदा चेयरमैन व् वाईस चेयरमैन को अपना बहुमत सिद्ध करने के लिए नोटिस देना होता है लेकिन डीसी सोलन ने ऐसा न कर सरकार के दबाव में आकर इस मामले में तरसीम चौधरी को ही मेम्बरशिप रद्द करने का नोटिस भेज दिया।उन्होंने डीसी सोलन से मांग की है की सरकार के दबाव में न आकर निष्पक्ष हो कर संविधानिक तरीके से कार्यवाई करे। उन्होंने मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से इस मुद्दे पर सख्त जाँच की मांग उठाई है।

उधर,डीसी सोलन कृतिका कुलहरी ने कहा की एक्ट में स्पष्ट नहीं है कि पहले निष्कासन आता है या निष्कासन के साथ अविश्वास प्रस्ताव आता है।इसको लेकर सरकार को मैटर भेजा गया है।जैसे ही सरकार से दिशानिर्देश आते उस प्रकार कार्रवाई की जाएगी।जांच निष्पक्ष रूप से चली हुई है।

