भारतीय भाषाओं की रंगत में रंगा लक्ष्य इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन मंज्याट

छात्रों ने 22 भारतीय भाषाओं में दी कविताओं, गीतों और कहावतों की प्रस्तुतियाँ

ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज़– अर्की उपमंडल के तहत लक्ष्य इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन मंज्याट में भारतीय भाषाओं की समृद्ध विविधता को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से भारतीय भाषा उत्सव उत्साहपूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों में भारतीय संविधान में शामिल 22 भाषाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाना और ‘विविधता में एकता’ के संदेश को सुदृढ़ करना था।

कार्यक्रम की शुरुआत भारतीय संविधान की 22 भाषाओं के सांस्कृतिक महत्व और क्षेत्रीय पहचान पर संक्षिप्त परिचय के साथ हुई। इसके बाद विद्यार्थियों ने निर्धारित भाषाओं में अपना परिचय देकर भारत की बहुभाषिक परंपरा को सजीव रूप में प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम में छात्रों द्वारा विभिन्न भारतीय भाषाओं में कविताएं, गीत, कहावतें और लोकोक्तियाँ प्रस्तुत की गईं। इनमें प्रमुख प्रस्तुतियाँ रही-
कविता (पंजाबी), स्वाति (मणिपुरी कहावत), अंकिता (उड़िया कविता), स्मृतिका़ (मलयालम कहावत), हितेश (डोगरी कहावत), हिमांशु (तेलुगु कविता), मनन (उर्दू गीत), दीपिका (मराठी गीत), अर्चना (नेपाली गीत), हर्षा (कोंकणी कविता), प्रियांका (गुजराती गीत), शालिनी (कश्मीरी गीत), शर्मिला (संताली कहावत), इशिका (मैथिली गीत), प्रिया (सिंधी गीत) और युगल व मोनिका द्वारा बांग्ला व तमिल कहावतें प्रस्तुत की गईं।
छात्रों ने पोस्टरों के माध्यम से भी भाषाई विविधता और सांस्कृतिक विरासत को रचनात्मक रूप से दर्शाया।

समारोह का समापन भारतीय भाषाई धरोहर को संरक्षित रखने और बहुभाषावाद को प्रोत्साहित करने के संदेश के साथ हुआ।
इस अवसर पर चेयरमैन डॉ. पी.एल. गुप्ता, प्रिंसिपल डॉ. कुसुम गुप्ता ने विद्यार्थियों की रचनात्मक प्रस्तुतियों की सराहना की और कहा कि विभिन्न भारतीय भाषाओं में कविताएँ, गीत और कहावतें प्रस्तुत कर विद्यार्थियों ने बहुभाषिक भारत की सुंदरता को प्रभावी रूप से उजागर किया है। उन्होंने बी.एड. प्रशिक्षुओं को राष्ट्रीय शिक्षा नीति–2020 के अनुरूप मातृभाषा को बढ़ावा देने और विद्यार्थियों को अपनी मातृभाषा में संवाद करने के लिए प्रेरित करने का आह्वान किया।

LIC

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