दैनिक हिमाचल न्यूज– अर्की उपमण्डल की दिल्ली के लिए एकमात्र रात्रि बस सेवा कंधर-बागा से दिल्ली तक चलने वाली हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की सीधी बस सेवा को अचानक चंडीगढ़ तक सीमित कर देने से क्षेत्रवासी और यात्री गहरी परेशानी झेल रहे हैं। अब दिल्ली जाने वाले यात्रियों को चंडीगढ़ सेक्टर-17 में उतरकर दूसरी बसों के सहारे आगे का सफर तय करना पड़ रहा है। खासकर रात के समय यह स्थिति महिलाओं और बुजुर्गों के लिए असुरक्षित साबित हो रही है।

यात्रियों का कहना है कि यह सेवा पिछले करीब 25 वर्षों से लगातार दिल्ली तक सुचारू रूप से चल रही थी और इसे अचानक सीमित करना बिल्कुल भी तर्कसंगत नहीं है। इससे न केवल लोगों को असुविधा हो रही है बल्कि असुरक्षा की भावना भी बढ़ रही है।

अर्की निवासी कमलेश गुप्ता ने बताया कि बीती रात उनकी धर्मपत्नी इसी बस से दिल्ली जाने के लिए निकलीं, लेकिन रात करीब 1 बजे सेक्टर-17 चंडीगढ़ में सभी यात्रियों को उतार दिया गया। इस दौरान 28 यात्री असमंजस की स्थिति में इधर-उधर भटकते रहे। उनकी धर्मपत्नी को भी अकेले लगभग 40 मिनट तक आगे की बस का इंतजार करना पड़ा। उन्होंने कहा कि रात के समय महिलाओं और बुजुर्गों के लिए यह स्थिति बेहद खतरनाक है।

यह परेशानी सिर्फ दिल्ली जाने वालों तक सीमित नहीं है। अब दिल्ली से अर्की उपमण्डल लौटने वालों को भी भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। पहले कंधर-बागा–दिल्ली बस दिल्ली से रात 10 बजकर 5 मिनट पर चलती थी और सीधे चंडीगढ़ होकर अर्की पहुँचती थी। अब यात्रियों के पास केवल एक ही विकल्प बचा है — दिल्ली–रिकांगपिओ बस, जो रात 9:58 बजे चलती है। यदि उसमें सीट न मिली तो यात्रियों को यात्रा के लिए बहुत भटकना पड़ेगा और चंडीगढ़ से अर्की तक सुबह 3 बजे पहुँचना मुश्किल हो जाएगा।

क्षेत्रवासियों का कहना है कि निगम ने बिना किसी पूर्व सूचना के यह निर्णय लागू किया है, जबकि यह बस वर्षों से यात्रियों के लिए सबसे सुरक्षित और सुविधाजनक साधन रही है। त्योहारों और वीकेंड के समय दिल्ली से अर्की आने वालों की संख्या अधिक रहती है, ऐसे में इस फैसले से लोगों में गहरा रोष है।
क्षेत्रवासियों ने प्रशासन और परिवहन निगम से इस सेवा को पुनः दिल्ली तक बहाल करने की मांग उठाई है। साथ ही विधायक संजय अवस्थी से भी अपील की है कि वे इस मुद्दे को गंभीरता से उठाकर जनता की आवाज़ सरकार तक पहुँचाएँ।
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वहीं क्षेत्रीय प्रबंधक सोलन सुरेन्द्र राजपूत ने बताया कि
यह फैसला निदेशक मंडल के निर्देशों के तहत इस बस की कम आय को देखते हुए लिया गया है और इसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।


