गोगा जाहरवीर की छड़ी के गांव में पहुंचते ही उमड़ पड़ा भक्तजनों का सैलाब
ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज- हिमाचल प्रदेश को देवभूमि के नाम से जाना जाता है, जहां प्राचीनकाल से देवी-देवताओं की आराधना लोक आस्था और परंपराओं के साथ जुड़ी हुई है। इन्हीं में गोगा जाहरवीर महाराज का विशेष स्थान है।

सर्पदंश से रक्षा करने वाले देवता
मान्यता है कि गोगा जाहरवीर सर्पदंश से अपने भक्तों की रक्षा करते हैं और उनकी पूजा से भय तथा संकट दूर हो जाते हैं। रक्षा बंधन से लेकर नवमी तक विशेष रूप से गोगा जाहरवीर की पूजा-अर्चना बड़े हर्षोल्लास से की जाती है। इस अवधि में गोगा मंडलियां घर-घर जाकर गोगा जाहरवीर का गुणगान करती हैं और उनकी महिमा का बखान करती हैं।

भक्तों की उमंग और यात्रा का समापन
मीडिया प्रभारी डीडी कश्यप ने बताया कि पट्टा बरावरी गांव की गोगा छड़ी के प्रमुख भक्त रामानंद और दिंवा मुकेश कुमार उर्फ काकू हैं, जबकि घोड़ी गांव की गोगा छड़ी के प्रमुख भक्त राजकुमार उर्फ राजू हैं। दोनों ही छड़ियां अष्टमी और नवमी के दिन घर-घर जाकर गोगा जाहरवीर का गुणगान करती रहीं।

बीते कल गांव-गांव की यह यात्रा बड़े ही श्रद्धा और उत्साह के साथ सम्पन्न हुई। समापन अवसर पर पट्टा बरावरी में विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया, जिसमें सैकड़ों की संख्या में भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया।

आस्था और परंपरा का प्रतीक
डीडी कश्यप ने बताया कि गोगा जाहरवीर मंडली पट्टा बरावरी के भक्त नंदलाल, रमेश कुमार, मुकेश कुमार, रामानंद, सोहन लाल, बिशनदास, गीताराम, प्रकाश चंद और रोहित शामिल रहे। वहीं गोगा जाहरवीर मंडली घोड़ी गांव से राजकुमार, राजेश कुमार, सोम प्रकाश, सुरेश कुमार, शंकरलाल, राहुल, मनोज, श्रीराम, लकी, गणेश कुमार और हरबंस लाल ने श्रद्धा व भक्ति भाव से गांव-गांव जाकर गोगा जाहरवीर की महिमा का गुणगान किया।
गांव-गांव में गूंजते गोगा जाहरवीर के भजन और भक्तों की गहरी आस्था इस बात का प्रमाण हैं कि गोगा जाहरवीर आज भी लोगों के विश्वास और जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं।




