राजकीय महाविद्यालय अर्की के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राजन तनवर की कहानी “कम्मू” कर्नाटक के बीदर विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल

ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज- राजकीय महाविद्यालय अर्की के हिंदी विभाग में कार्यरत एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राजन तनवर की लिखी कहानी “कम्मू” को कर्नाटक स्थित बीदर विश्वविद्यालय के बी.ए. हिंदी तृतीय सत्र के विद्यार्थियों के वैकल्पिक विषय (ऑप्शनल) के रूप में पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। यह उपलब्धि न केवल हिमाचल प्रदेश बल्कि पूरे हिंदी साहित्य जगत के लिए गर्व की बात है।

डॉ. राजन तनवर मूल रूप से तहसील कंडाघाट के गांव घाट कुम्हाला, डाकघर शारड़ाघाट से संबंध रखते हैं। उनकी यह कहानी स्त्री विमर्श और पर्यावरण चेतना जैसे समकालीन विषयों को केंद्र में रखकर लिखी गई है।

कहानी की नायिका कम्मू, अपने शराबी पति की ज्यादतियों का सामना करते हुए अपने बच्चों की परवरिश करती है और उन्हें शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाती है। वह पालतू पशुओं से संवाद कर अपने दुख को बांटती है और पशु चराते हुए प्लास्टिक कचरा एकत्र करती है। गांववाले उसका मजाक उड़ाते हैं, लेकिन वह पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी नहीं छोड़ती।

कहानी का प्रेरणादायक अंत यह है कि कम्मू का बेटा प्रशासनिक अधिकारी और बेटी चिकित्सक बनती है। सरकार उसकी निष्ठा और योगदान को सम्मान देते हुए उसे पर्यावरण संरक्षण का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त करती है।

इस साहित्यिक उपलब्धि पर शिक्षकों, विद्यार्थियों और साहित्य प्रेमियों में हर्ष का माहौल है। डॉ. तनवर की लेखनी समाज के जमीनी यथार्थ को साहित्य के माध्यम से सामने लाने का सशक्त माध्यम बन रही है।

LIC

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