
ब्यूरो,दैनिक हिमाचल न्यूज़:-दाड़लाघाट,किसानों को रासायनिक खेती से हटाकर टिकाऊ और लाभकारी प्राकृतिक खेती की ओर प्रेरित करने के उद्देश्य से अंबुजा फाउंडेशन द्वारा गांव कंसवाला में एक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस कैंप में आंध्र प्रदेश से आए प्राकृतिक खेती विशेषज्ञ हरि कृष्ण ने किसानों को प्राकृतिक खेती की विधियों की जानकारी दी। प्रशिक्षण सत्र में हरि कृष्ण ने बताया कि किस प्रकार किसान बिना रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के सहारे खेती कर सकते हैं। उन्होंने जीवा अमृत,बीजामृत और वर्मी कम्पोस्ट जैसी पारंपरिक तकनीकों की महत्ता पर भी प्रकाश डाला।

किसानों को बताया गया कि प्राकृतिक खेती न केवल मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखती है,बल्कि उत्पादन की गुणवत्ता को भी बढ़ाती है। इस अवसर पर अंबुजा फाउंडेशन के क्षेत्रीय प्रबंधक भूपेन्द्र गांधी ने कहा आज के युग में बढ़ते जलवायु परिवर्तन और लागत में वृद्धि के चलते प्राकृतिक खेती किसानों के लिए वरदान सिद्ध हो सकती है। यह न केवल पर्यावरण के अनुकूल है,बल्कि इससे किसानों की आय में भी वृद्धि संभव है। कैंप में क्षेत्र के अनेक किसानों ने भाग लिया और प्राकृतिक खेती के बारे में अपने अनुभव साझा किए। फाउंडेशन ने किसानों को आगे भी इस दिशा में मार्गदर्शन देने का आश्वासन दिया।







