ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज:- वीरांगना सम्मान से सम्मानित सीआरपीएफ कमांडेंट कमल सिसोदिया, जो वर्तमान में चंडीगढ़ में तैनात हैं, महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन चुकी हैं। उनका समर्पण और कार्यशैली अनुकरणीय है। उन्होंने पूर्वोत्तर भारत से लेकर जम्मू-कश्मीर तक कई परिचालनिक चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया है।

कमल सिसोदिया का मानना है कि देश की बेटियां हर कठिनाई को पार करने में सक्षम हैं, बस उन्हें आत्मविश्वास और सही मार्गदर्शन की आवश्यकता है। महिलाओं के लिए सशस्त्र बलों सहित विभिन्न सुरक्षा सेवाओं में करियर बनाने के असीमित अवसर हैं। आज महिलाएं विज्ञान, अनुसंधान, रक्षा और शिक्षा सहित कई क्षेत्रों में अपनी काबिलियत साबित कर रही हैं।
अपने सेवा काल के दौरान, कमांडेंट सिसोदिया ने महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए उल्लेखनीय कार्य किए हैं। उन्होंने “कौशल विकास मिशन” नामक पुस्तक भी लिखी है, जो महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक विकास को केंद्र में रखती है। देश के विभिन्न राज्यों—पूर्वोत्तर, मध्य भारत और जम्मू-कश्मीर—में उन्होंने महिला शिक्षा, सुरक्षा और न्याय के लिए प्रभावी प्रयास किए हैं। साथ ही, पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता अभियानों में भी उनका योगदान सराहनीय रहा है।

कमल सिसोदिया समाज के जरूरतमंदों, विशेष रूप से मूकबधिर और दिव्यांग व्यक्तियों की सहायता के लिए हमेशा तत्पर रहती हैं। उनके इस योगदान को कई संस्थाओं ने सम्मानित किया है। वह युवाओं, छात्रों और समाज के विभिन्न वर्गों के लिए महिला सशक्तिकरण, देशभक्ति और राष्ट्र प्रेम को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कार्यशालाएं, सेमिनार और प्रेरक व्याख्यान आयोजित करती रही हैं।
ग्वालियर में महारानी लक्ष्मीबाई जयंती पर उन्हें “वीरांगना सम्मान” से नवाजा गया। इसके अलावा, उन्हें महिला सशक्तिकरण और राष्ट्र सेवा के लिए कई अन्य पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है।

कमांडेंट सिसोदिया ने आदिवासी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने के साथ ही, जवानों की पत्नियों के लिए कंप्यूटर शिक्षा, ड्राइविंग और सिलाई-कढ़ाई जैसी कई पहल शुरू की हैं। उन्होंने एसिड अटैक और अमर्यादित घटनाओं के खिलाफ जागरूकता अभियानों का नेतृत्व किया और समाज में नई ऊर्जा का संचार किया।
झांसी की रानी लक्ष्मीबाई को अपना आदर्श मानने वाली कमल सिसोदिया, युवतियों और छात्राओं के लिए महिला आइकन बन चुकी हैं। विभिन्न संस्थाएं उनके व्यक्तित्व और कार्यों के माध्यम से महिलाओं को प्रेरित कर रही हैं। वह जूडो-कराटे और योग को बढ़ावा देकर महिलाओं को आत्मरक्षा के लिए सक्षम बना रही हैं।
तनाव प्रबंधन, रक्तदान शिविर, मेडिकल कैंप, सफाई अभियान और पर्यावरण सुरक्षा के लिए उनके प्रयास सराहनीय हैं। त्योहारों को जवानों और स्थानीय लोगों के साथ मिलकर मनाने की उनकी परंपरा, उनकी संवेदनशीलता और नेतृत्व कौशल को दर्शाती है।
कमांडेंट कमल सिसोदिया का कार्य करने का बेबाक अंदाज उन्हें सबसे अलग बनाता है। देश को उनकी इस वीर बेटी पर गर्व है!

