
ब्यूरो,दैनिक हिमाचल न्यूज़:-दाड़लाघाट,उपतहसील दाड़लाघाट की ग्राम पंचायत पारनू के गांव सरडमरास में भालू का आतंक एक महीने से जारी है, जिससे स्थानीय महिलाएं डरी हुई हैं। रोजाना किसी न किसी महिला को भालू मिलता है और वे डराता भी है। इससे महिलाएं पशुओं को चारा लाने और लकड़ियां इकट्ठा करने में डर महसूस कर रही हैं और अकेले जंगल में जाने से कतरा रही हैं। इस समस्या के कारण गांव की महिलाएं अपने दैनिक कार्यों में भी परेशानी का सामना कर रही हैं। वे अपने पशुओं को चारा लाने और लकड़ियां इकट्ठा करने के लिए जंगल में जाने से डरती हैं। इससे उनके दैनिक जीवन में भी परेशानी हो रही है।

स्थानीय लोगों में अनुपमा,कौशलया देवी,ममता देवी,हेमराज,गीता देवी,परसरास,ध्रुव,रीना,राम कला,कांता देवी,कमलेश शर्मा,भगत राम,मस्त राम,जय प्रकाश,पंकज शर्मा और गोपाल कृष्ण ने गांव सरडमरास में भालू के आतंक से सुरक्षा प्रदान करने और भविष्य में होने वाले नुकसान को रोकने के लिए मांग उठाई है। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों से आग्रह किया है कि वे इस समस्या का समाधान करें और गांव की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
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उधर,इस बारे वन परिक्षेत्र अधिकारी दाड़लाघाट सुदर्शन का कहना है कि सरडमरास गांव में भालू के दहशत की सूचना मिली है। स्थिति का जायजा लेने के लिए वन विभाग की टीम मौके पर जाएगी। उन्होंने बताया कि भालू अगर गांव की ओर रुख कर ले तो ग्रामीणों को जोरजोर से शोर मचाना चाहिए,पटाखे फोड़कर या फिर ऊंची ध्वनि के जरिये भालू को भगाया जा सकता है। उन्होंने सभी लोगों से रात को घर से बाहर न निकलने और सावधानी बरतने की अपील की है।







