ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज:- सोलन जिला के कसौली तहसील स्थित चंडी गांव में माँ चंडी देवी का मंदिर एक उभरता हुआ शक्ति पीठ बनता जा रहा है।
यह स्थान अपनी धार्मिक और ऐतिहासिक महत्ता के कारण स्थानीय और दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर का निर्माण उस स्थान पर किया गया है, जहां एक किसान को खेत जोतते समय माँ चंडी देवी की पिंडी मिली थी। इस दिव्य घटना के बाद गांववासियों ने माँ चंडी की स्थापना की और तभी से यह मंदिर श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक बन गया।
माँ चंडी का यह मंदिर 1910 में पट्टा महलोग रियासत के तत्कालीन मैनेजर मियां भवानी सिंह द्वारा बनवाया गया था। आज यह मंदिर प्राकृतिक सौंदर्य से घिरे हुए स्थान पर स्थित है, जिससे यहाँ आने वाले श्रद्धालु आध्यात्मिक शांति के साथ-साथ हिमालय की खूबसूरत वादियों का आनंद भी ले सकते हैं।
मंदिर में हर साल मई के महीने में चंडी की जातर के नाम से एक बड़ा मेला आयोजित किया जाता है, जो इस क्षेत्र का सबसे बड़ा धार्मिक उत्सव है। इस मेले में दूर-दूर से लोग माँ चंडी के दर्शन करने और अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए आते हैं।
यह स्थान सोलन से 45 किलोमीटर, सुबाथू से 21 किलोमीटर, और नालागढ़ से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, और यहाँ से हिमाचल की बर्फ से ढकी पहाड़ियों का भी अद्भुत दृश्य देखा जा सकता है।
माँ चंडी देवी का यह मंदिर हिमाचल प्रदेश की धार्मिक धरोहर में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है और आने वाले समय में यह शक्ति पीठ के रूप में और अधिक ख्याति प्राप्त कर सकता है। ( यह समाचार हीरादत शर्मा द्वारा भेजा गया– शर्मा जी का विशेष साभार।)