मिड डे मील कर्मचारियों के मानदेय में देरी से बढ़ी मुश्किलें

मार्च तक मिला वेतन, कर्मचारी चिंतित


ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज:- हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में मिड डे मील तैयार करने वाले लगभग 18,000 कर्मचारियों को मार्च के बाद से मानदेय नहीं मिला है। इससे कर्मचारियों में असंतोष है। उनका कहना है कि कम मानदेय में जीवन यापन करना बेहद कठिन हो गया है। एक तो उन्हें बहुत कम पैसा मिलता है और अब वह भी समय पर नहीं मिल रहा है, जिससे उनकी परेशानियां और बढ़ गई हैं।

प्रतीकात्मक छायाचित्र,, फोटो साभार : गुग्गल

शिक्षा विभाग का कहना है कि मिड डे मील कर्मचारियों के मानदेय का हिस्सा राज्य और केंद्र सरकार दोनों से आता है। राज्य का हिस्सा एक सप्ताह के भीतर जारी कर दिया जाएगा, जबकि केंद्र सरकार से अभी तक अनुदान नहीं मिला है। अनुदान मिलते ही बाकी मानदेय भी जारी कर दिया जाएगा।

कर्मचारियों का कहना है कि महंगाई के इस दौर में मात्र चार हजार रुपये के मानदेय से गुजारा करना बहुत मुश्किल है। हाल ही में सरकार ने निर्देश दिया है कि क्लस्टर स्तर पर खाना बनाया जाएगा, जबकि पिछले 20 वर्षों से स्कूलों में ही खाना बनता रहा है। कर्मचारियों ने मांग की है कि यह व्यवस्था यथावत रखी जाए और मिड-डे मील वर्करों को नियमित किया जाए।

मानदेय के 12 माह का भुगतान जरूरी

हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा है कि शिक्षा विभाग मिड-डे मील वर्कर्स के साथ भेदभाव नहीं कर सकता। हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि मिड-डे मील वर्कर्स 10 माह के बजाय 12 माह के वेतन के हकदार हैं। कोर्ट ने कहा कि जब शिक्षा विभाग स्कूलों में तैनात शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को पूरे वर्ष का वेतन देता है तो मिड-डे मील वर्कर्स के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता।

शिक्षा विभाग के अनुसार, हिमाचल को केंद्र सरकार से मिड डे मील के लिए अभी तक अनुदान नहीं मिला है। मार्च तक का मानदेय दे दिया गया है और बाकी लंबित मानदेय भी जल्द जारी कर दिया जाएगा।


LIC

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