ब्यूरो,दैनिक हिमाचल न्यूज़:-(दाड़लाघाट) हिमाचल प्रदेश वरिष्ठ प्रशिक्षित स्नातक अध्यापकों ने वर्चुअल मीटिंग कर शिक्षक महासंघ के ब्यान पर कड़ा ऐतराज जताया है।स्नातक वर्ग का कहना है कि वे लगभग 25 वर्षों से ऊपर से विभाग में सेवाएं दे रहे हैं फिर भी उन्हें पदोन्नति नहीं मिल रही है।हिमाचल प्रदेश वरिष्ठ प्रशिक्षित स्नातक संघ के प्रदेश महासचिव हरीश गुप्ता ने बताया कि शिक्षक महासंघ द्वारा 2010 से पूर्व नियुक्त टीजीटी को दोनों ऑप्शन यानी मुख्याध्यापक व प्रवक्ता बहाल करने की सरकार से मांग रखी गई है,जबकि हाई कोर्ट के निर्णय अनुसार जो भी टीजीटी 26 अप्रैल 2010 के बाद ऑप्शन दे पीजीटी या प्रवक्ता स्कूल न्यू के पद पर प्रोन्नत हो चुके हैं वे चाहे 2010 से पूर्व नियुक्त टीजीटी हो या 2010 के बाद टीजीटी नियुक्त हो वह मुख्याध्यापक के पद के लिए एलिजिबल नहीं हैं,क्योंकि विभाग के नियमानुसार एक बार जो ऑप्शन दे देता है वह चेंज नहीं होती यदि विभाग 2010 से पूर्व नियुक्त टीजीटी जो 26 अप्रैल 2010 के बाद पीजीटी या प्रवक्ता स्कूल पद पर प्रोन्नत हो चुके हैं उनको मुख्याध्यापक की ऑप्शन बहाल करती है तो यह कोर्ट के निर्णय की अवमानना होगी और जो टीजीटी लगभग 25 से 30 वर्षों तक टीजीटी पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं वे प्रोन्नत नहीं होंगे और न ही उन्हें सीएंडवी की तरह 20 साल की सेवा के बाद दो इंक्रीमेंट मिलती है।प्रदेश महासचिव हरीश गुप्ता ने बताया कि यह टीजीटी के साथ अन्याय होगा यदि विभाग कुछ लोगों के कहने पर ऑप्शन बहाल करता है तो टीजीटी कोर्ट में जाने के लिए बाध्य होंगे।