ब्यूरो,दैनिक हिमाचल न्यूज – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में रविवार को अर्की के चौगान मैदान में संघ शताब्दी वर्ष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर पूर्ण गणवेश में स्वयंसेवकों ने एकत्र होकर शस्त्र पूजन के उपरांत पथ संचलन किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में समाज सेविका मयूराक्षी सिंह और मुख्य वक्ता के रूप में शिमला विभाग प्रचारक महेश्वर उपस्थित रहे।

मुख्य अतिथि मयूराक्षी सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि प्रत्येक परिवार में मातृशक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है और माता बच्चे की प्रथम गुरु होती है। माता ही बच्चों में संस्कार,संस्कृति और देशसेवा की भावना जागृत करती है। उन्होंने कहा कि संघ अनुशासन, संगठन और सेवा की भावना का प्रतीक है। यह देखकर गर्व होता है कि स्वयंसेवक समाज के हर वर्ग को जोड़ने का कार्य कर रहे हैं। शताब्दी वर्ष हमारे लिए प्रेरणा का अवसर है, जिससे नई पीढ़ी राष्ट्रहित में कार्य करने की भावना लेकर आगे बढ़ेगी।

मुख्य वक्ता महेश्वर ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कार्य व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण की दिशा में अग्रसर है। शताब्दी वर्ष के इस पावन अवसर पर प्रत्येक स्वयंसेवक का संकल्प है कि संघ की विचारधारा और सेवा कार्य हर गांव, हर घर तक पहुंचे। समाज में समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण ,स्वत्व का बोध और नागरिक कर्तव्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना हमारा प्रमुख लक्ष्य है।

उन्होंने यह भी बताया कि संघ संस्थापक डॉ. हेडगेवार जी ने 1925 में संघ की स्थापना इस उद्देश्य से की थी कि भारत को पुनः वैभवशाली और आत्मनिर्भर बनाया जा सके। इस दिशा में संघ अपने तंत्र “शाखा” और मंत्र “प्रार्थना” के माध्यम से सतत व्यक्ति निर्माण का कार्य कर रहा है।
उन्होंने कहा कि शताब्दी वर्ष में स्वयंसेवक घर-घर जाकर जन जागरण अभियान चलाएंगे। यह अभियान पंच परिवर्तन के संकल्प पर आधारित रहेगा।



