ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज- अर्की उपमण्डल के कुनिहार (हाटकोट) से संबंध रखने वाले भारतीय वन सेवा (IFS) अधिकारी राजेश शर्मा ने नई दिल्ली में स्कूली शिक्षा पर आयोजित एक अहम बैठक में हिमाचल प्रदेश की ओर से प्रतिनिधित्व किया। यह बैठक नवंबर में प्रस्तावित मुख्य सचिवों के 5वें राष्ट्रीय सम्मेलन की तैयारियों के लिए गठित वर्किंग ग्रुप की पहली परामर्श बैठक थी, जिसकी अध्यक्षता भारत सरकार के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार ने की।

बैठक में “स्कूलिंग: बिल्डिंग ब्लॉक्स” नामक योजना पर विस्तार से चर्चा की गई, जिसका उद्देश्य देश की स्कूली शिक्षा व्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाना है। इस दौरान “विकसित भारत 2047” के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए बेहतर शिक्षा प्रणाली की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया।

राजेश शर्मा ने हिमाचल प्रदेश के समग्र शिक्षा अभियान के स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में राज्य के अनुभवों और सुझावों को साझा किया। वे भारतीय वन सेवा के अधिकारी होने के साथ-साथ पूर्व सरकारों एवं वर्तमान सरकार में विभिन्न महत्त्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं, जिनमें पर्यावरण मंत्रालय, पासपोर्ट ऑफिस शिमला, मैनेजिंग डायरेक्टर स्किल्ड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट, निदेशक युवा सेवाएं व खेल, और वर्तमान में समग्र शिक्षा हिमाचल के प्रोजेक्ट डायरेक्टर का दायित्व शामिल है।

उनके चाचा इंद्रपाल शर्मा ने बताया कि राजेश शर्मा शुरू से ही अत्यंत होनहार और प्रतिभाशाली रहे हैं। वे एक शिक्षित परिवार से आते हैं। उनके पिता जगदीश शर्मा हिमाचल सरकार के भाषा एवं संस्कृति विभाग से उप निदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं और हिमाचल भाषा अकादमी के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं।



