प्राथमिक शिक्षकों की शक्तियां समाप्त करने के प्रयास का प्राथमिक शिक्षक संघ ने किया कड़ा विरोध, 26 अप्रैल को निदेशालय का घेराव

ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज-  हिमाचल प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ ने निदेशालय स्तर पर प्राथमिक पाठशालाओं के केंद्र मुख्य शिक्षक और मुख्य शिक्षकों की प्रशासनिक शक्तियों को समाप्त करने की खबरों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। संघ ने इसे शिक्षकों के अस्तित्व से जुड़ा मामला बताया है और चेतावनी दी है कि यदि सरकार या शिक्षा विभाग ने ऐसा कोई कदम उठाया, तो प्रदेशभर के लगभग 20,000 शिक्षक सड़कों पर उतरने को बाध्य होंगे।

इस मुद्दे को लेकर प्रदेश की समस्त 12 जिला इकाइयों के अध्यक्षों और महासचिवों की एक वर्चुअल बैठक 23 अप्रैल को आयोजित की गई, जिसमें आंदोलन की रणनीति तय की गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि 26 अप्रैल को प्रस्तावित सांकेतिक धरना अब शिक्षा निदेशालय शिमला के समक्ष ही आयोजित किया जाएगा। सुबह 11 बजे से शुरू होने वाले इस प्रदर्शन में शिक्षक बड़ी संख्या में भाग लेंगे। ड्रोन और वीडियोग्राफी के माध्यम से इस प्रदर्शन की उपस्थिति को रिकॉर्ड किया जाएगा और शाम को ज्ञापन सौंपने के उपरांत क्रमिक अनशन की शुरुआत की जाएगी।

प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष जगदीश शर्मा ने बताया कि वह बीते कुछ महीनों से शिक्षा मंत्री से लगातार संपर्क में हैं। हर बार यह आश्वासन मिला कि प्राथमिक शिक्षा के प्रशासनिक ढांचे से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी, परंतु समाचार पत्रों में प्रकाशित हालिया खबरों ने शिक्षकों में चिंता पैदा कर दी है। उन्होंने कहा कि मंत्री के शिमला लौटते ही संघ प्रतिनिधिमंडल उनसे भेंट कर शिक्षकों की भावनाएं स्पष्ट करेगा।

प्रदेश महासचिव संजय पी.सी. ने बताया कि यदि विभाग ने खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी, केंद्र मुख्य शिक्षक या मुख्य शिक्षकों की शक्तियों में कटौती की, तो विरोध प्रदर्शन होगा जिसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से शिक्षा विभाग की होगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि संघ संवाद और समाधान की नीति में विश्वास रखता है और अब तक निदेशक, सचिव और मंत्री के साथ कई दौर की बैठकें कर चुका है।

धरना प्रदर्शन की प्रमुख मांगों में अलग प्राथमिक शिक्षा निदेशालय की स्थापना, शिक्षकों की शक्तियों से छेड़छाड़ न करने, प्राथमिक स्कूलों की U-12 खेलों की बहाली, वित्तीय लाभ जारी करने, वेतन विसंगतियों को दूर करने, नवनियुक्त जेबीटी को पंजाब की तर्ज पर वेतनमान देने, पदोन्नति की प्रक्रिया में समानता, प्रत्येक केंद्र में केंद्र मुख्य शिक्षक की नियुक्ति और खाली पदों को शीघ्र भरने जैसी मांगें शामिल हैं।

संघ ने यह भी स्पष्ट किया है कि आंदोलन में प्रत्येक जिला से कम से कम उस जिले की प्राथमिक पाठशालाओं के बराबर संख्या में प्रतिभागिता सुनिश्चित की जाएगी, जिसमें सेवा निवृत्त शिक्षक सदस्य भी सम्मिलित होंगे।

संघ ने सभी जिलों और खंडों से अपने-अपने क्षेत्रों में आंदोलन को लेकर व्यापक प्रचार-प्रसार करने और सोशल मीडिया व प्रिंट मीडिया के माध्यम से जन जागरूकता फैलाने का आह्वान किया है।

LIC

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