संविधान गौरव अभियान के अंतर्गत डॉ. बिंदल ने कांग्रेस पर लगाए आरोप, अंबेडकर जी के योगदान को किया नमन

ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज:- भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 राजीव बिन्दल ने कहा कि संविधान गौरव अभियान के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश के सभी 171 मण्डलों में संविधान के सम्बन्ध में विचार गोष्ठियां आयोजित की जा रही है जिन गोष्ठियों में डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर जी को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उनके योगदान को स्मरण किया जा रहा है। संविधान गौरव अभियान के अंतर्गत प्रदेश के 17 संगठनात्मक जिलों में 25 जनवरी तक सभी जिला स्थानों पर गोष्ठियां आयोजित करने का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। आज 24 जनवरी, 2025 को सिरमौर जिला का कार्यक्रम राजगढ़ में सम्पन्न हुआ।

इस कार्यक्रम में बोलते हुए डाॅ0 बिन्दल, प्रदेश अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि भारत का संविधान देश के सर्वांगीण विकास एवं प्रत्येक व्यक्ति की आंकाक्षाओं के अनुरूप निर्मित किया गया है और इसी के मार्गदर्शन में देश आगे बढ़ रहा है। संविधान निर्माण का 75वां वर्ष अर्थात अमृतकाल चल रहा है। डाॅ0 भीमराव अंबेडकर जी के कार्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए डाॅ0 बिन्दल ने कहा कि अंबेडकर जी ने संविधान को बनाते समय सभी जाति, धर्म, संप्रदाय, वर्ग सभी का ध्यान रखा परन्तु कांग्रेस पार्टी ने अपनी सत्ता को बनाए रखने के लिए, वोटों के लालच में 75 बार संविधान में संशोधन किया। ये संशोधन जनहित में नहीं अपितु नेहरू-गांधी परिवार के हित में किए। डाॅ0 भीमराव अंबेडकर धर्म के आधार पर किसी भी प्रकार का आरक्षण दिए जाने के पूर्णरूपेण विरोध में थे परन्तु कांग्रेस पार्टी ने वोटों के लालच में जगह-जगह संविधान की धज्जियां उड़ाते हुए धर्म के आधार पर लाभ पहुंचाने का काम किया।

डाॅ0 बिन्दल ने कहा कि डाॅ. भीमराव अम्बेडकर काॅमन सिविल कोर्ट को हर हालत में लागू करना चाहते थे और हिन्दु कोर्ट बिल का विस्तार करते हुए पूरे देश के लिए एक ही कानून चाहते थे परन्तु नेहरू जी ने मुस्लिम धर्मावलम्बियों को शरीयत के साथ चलने की इजाजत देकर देश में एक और विभाजन खड़ा कर दिया जिसका अंबेडकर जी पूर्णरूपेण विरोध करते थे। कांग्रेस पार्टी ने अपनी सत्ता को बनाए रखने के लिए लोकतंत्र की मूल भावना, सबको समान अधिकार व दायित्व को समाप्त कर प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति सरीखे पदों को कानून की परिधि से बाहर करने का संविधान में परिवर्तन किया जिसको बाद में जनता पार्टी की सरकार आने पर वापिस किया गया। सत्ता प्राप्त के लिए और सत्ता बनाए रखने केे लिए श्रीमती इंदिरा गांधी ने उच्च न्यायालय के आदेशों को धत्ता बताते हुए देश में आंतरिक आपातकाल लगाकर लोकतंत्र का गला घोंट दिया। लाखों लोगों को जेल की काल कोठरी के पीछे डाल दिया, मीडिया की स्वतंत्रता को समाप्त कर दिया, चुनाव के कार्यकाल को 5 साल से बढ़ाकर 6 साल कर दिया अर्थात संविधान को तार-तार कर दिया और वही कांग्रेस पार्टी आज संविधान की दुहाई देकर देश की जनता को बरगलाने में लगी है। डाॅ. बिन्दल ने कहा कि वक्फ बोर्ड की शक्तियों में अमूल-चूल परिवर्तन करना भी कांग्रेस पार्टी द्वारा वोटों के लालच में किया गया संविधान का चीर हरण है। इसके विपरीत विगत 10 वर्षों में संविधान में किए गए संशोधन राष्ट्रहित, देशहित और समाज हित में किए गए हैं न कि व्यक्ति और पार्टी के हित में किए गए हैं। धारा 370 व 35ए को समाप्त करना, तीन तलाक कानून को समाप्त कर मुस्लिम महिलाओं को उनका अधिकार देना, एनआरसी, यूसीसी जैसे परिवर्तन श्री नरेन्द्र भाई मोदी द्वारा देश में किए जा रहा हैं जो कि देश की एकता व अखण्डता के लिए आवश्यक है। डाॅ. बिन्दल ने कहा कि डाॅ. भीमराव अंबेडकर धारा 370 व 35ए के प्रबल विरोधी थे परन्तु नेहरू जी ने शेख अबदुल्ला को खुश करने के लिए धारा 370 और 35ए लगाई। इतना ही नहीं अंबेडकर जी को हर स्थान पर अपमानित करने का कार्य कांग्रेस पार्टी ने किया। नेहरू जी की कैबिनेट से इस्तीफा देने को मजबूर किया गया। 1952 के लोकसभा चुनावो में पूरी कांग्रेस पार्टी और नेहरू जी सब अंबेडकर जी को हराने में जुट गए। दशकों तक अंबेडकर जी को भारत रत्न का सम्मान नहीं दिया गया, जो अंत में अटल जी, आडवाणी जी के प्रयासों से एनडीए सरकार में दिया गया।
डाॅ. बिन्दल ने कहा कि संविधान की किताब को दिखाकर देश की जनता को भ्रमित करने का कार्य वो लोग कर रहे हैं जिन्होनें संविधान निर्माता का उपहास किया, अपमान किया और संविधान को 75 बार अपने परिवार व पार्टी के हित में तार-तार किया। संविधान के प्रिएम्बल में बिना संसद में चर्चा किए श्रीमती इंदिरा गांधी ने सैकुलर और सोशलिस्ट शब्दों को डालकर संविधान की मूल भावना को परिवर्तित किया।

LIC

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