कुनिहार के कोर्टीना व चंडीगढ़ ऑप्टिकल आई केयर क्लिनिक में नेत्र सर्जरी विशेषज्ञ करेंगे मोतियाबिंद के ऑपरेशन।

ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज:- अब आपके शहर कुनिहार के कोर्टीना व चंडीगढ ऑप्टिकल आई केयर क्लिनिक में मिलेगी मोतियाबिंद ऑपरेशन की सुविधा। नेत्र सर्जरी विशेषज्ञ डॉक्टर वरुण बवेजा रहेंगे मौजूद। 

गौरतलब है कि डा. वरुण बवेजा ने पेश की है नई आईस्टंट इंजेक्ट सर्जरी।जाने माने आई सर्जन डा. वरुण बावेजा ने आंखों में ग्लूकोमा को ठीक करने के लिए दिल के स्टंट के समान एक क्रांतिकारी आईस्टेंट तकनीक प्रस्तुत की है।

उनकी इस तकनीकी से ग्लूकोमा रोगियों को इलाज में काफी मदद मिलेगी। इससे नेत्र चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में एक बड़ी प्रगति सामने आई है। नेत्र सर्जन डा. वरुण बावेजा ने आंखों में ग्लूकोमा को ठीक करने के लिए दिल के स्टंट के समान एक क्रांतिकारी आईस्टेंट तकनीक प्रस्तुत की है। नेत्र स्टंट तकनीक में अग्रणी डा. वरुण बावेजा पहले आई सर्जन हैं जिन्हें आईस्टंट इंजेक्ट सर्जरी के लिए इंग्लैंड से सर्टिफिकेशन मिला है। इस नेत्र शल्य चिकित्सा का उपयोग ग्लूकोमा रोग के इलाज के लिए किया जाता है, जिसे आमतौर पर काला मोतिया के नाम से भी जाना जाता है। इस सर्जरी के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि रोगियों को भारत में ही वह इलाज मिल जाता है जिसके लिए आमतौर पर विदेशों में भारी कीमत चुकानी पड़ती है। डा. वरुण ने 2009 में अमेरिकन एकेडमी आफ आप्थेल्मोलाजी जर्नल में अपनी तकनीक संबंधी पोस्टर प्रकाशित करवाया था और बहुत ही कम समय में उन्होंने 5000 से अधिक नेत्र सर्जरी का रिकार्ड कायम किया है। खुशी की बात यह है कि यह तकनीक ग्लूकोमा के लिए एक समाधान प्रदान करती है। इस रोग में आंखों में कई परेशानियां एक साथ हो जाती हैं। जिनसे नेत्रहीनता की स्थिति पैदा हो जाती है, क्योंकि यह रोग आप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचाता है, जो अच्छी निगाह के लिए जरूरी होती है। यह क्षति आंख में असामान्य रूप से उच्च दबाव पैदा होने से होती है। यह रोग वृद्धावस्था में नजर कमजोर होने के प्रमुख कारणों में से एक है। डा. बवेजा ने कहा की ग्लूकोमा से पीड़ित लोगों को अक्सर दर्दनाक और चीरफाड़ वाली सर्जरी करवानी पड़ती है। भारत में अन्य उपचार विकल्पों में आई ड्राप और दवाएं शामिल हैं। मैं एक नई तकनीक लेकर आया हूं जिसमें आंख में अतिरिक्त दबाव को खत्म करने के लिए एक स्टंट लगाया जाता है। यह दिल में डाले जाने वाले स्टंट के जैसा ही है। यह बिना किसी रुकावट के आंख से तरल पदार्थ की आवाजाही के लिए एक चैनल बना देता है। जब रक्त वाहिकाएं बंद हो जाती हैं, तो आईस्टंट आंख में तरल पदार्थ के प्रवाह को बनाए रखता है। अपनी आंखों की सही देखभाल के लिए आज ही अपनी नियुक्ति बुक करें और अपनी दृष्टि को नया जीवन दें। कोर्टिना व चंडीगढ़ ऑप्टिकल आई केयर क्लिनिक कुनिहार, नीयर सिविल हॉस्पिटल।

LIC

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