ब्यूरो/दैनिक हिमाचल न्यूज़:-दाड़लाघाट
राष्ट्रीय राजीव गांधी ब्रिगेड कांग्रेस के सचिव और हिमाचल प्रदेश संस्कृत अकादमी के पूर्व सचिव डॉ मस्त राम शर्मा ने कहा है कि शास्त्री अध्यापकों को बीएड की उपाधि की अधिसूचना जारी की जाए।ताकि भविष्य में वे भी प्रोन्नत होकर टीजीटी के समकक्ष लाभ ले सकें।जो लाभ एक प्रशिक्षित अध्यापक को मिलते हैं,इन्हें भी मिल सकें।संस्कृत महाविद्यालयों से शिक्षा ग्रहण करने वाले ऐसे शास्त्री,डिग्री महाविद्यालयों के छात्रों से अधिक विषयों को पढ़ते हैं,उन्हें अध्ययन के समय शास्त्री के विषयों के अतिरिक्त अंग्रेजी,हिंदी,इतिहास,राजनीति शास्त्र में से अंग्रेजी विषय को अनिवार्य रूप पढ़कर साथ एक विषय को अतिरिक्त बीए के समकक्ष लेना पड़ता है।इसके साथ ही बीएड भी करते हैं।शिक्षक पुरस्कारों में हिमाचल सरकार को चाहिए कि महाविद्यालय और संस्कृत महाविद्यालयों में कार्यरत आचार्य को भी प्रशंसनीय कार्य करने पर स्कूलों के अध्यापकों की भांति राज्य स्तरीय पुरस्कार के लिए चयनित किया जाए।उन्हें भी सरकार सम्मानित करें।शिक्षा विभाग में प्लेसमेंट के आधार पर सन् 2017 से 1204 प्रधानाचार्यों को वित्तीय लाभ देकर स्थायी रूप से उन्हें अपने पद पर नियुक्त किया जाए।कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान के आधार पर अतिरिक्त पांच प्रतिशत डीए कर्मचारियों को दिया जाए।पंजाब सरकार ने अपने कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग के वेतनमान के लाभ प्रदान किए हैं,जिन्हें अभी तक हिमाचल सरकार ने लागू नहीं किया है।इन्हें शीघ्र लागू किया जाए ताकि लोगों को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए आर्थिक बोझ का सामना न करना पड़े।अनुबंध कर्मचारियों को तीन साल की बजाए दो साल में स्थायी किया जाए।प्रदेश के सेवानिवृत्त कर्मचारी कई वर्षों से मांग रहे हैं कि पंजाब सरकार की भांति 65,70,75 और 80 वर्ष पर वित्तीय लाभ दिया जाए।मेडिकल बिल विभागों में लंबित पड़े हुए हैं,उन्हें शीघ्र सेवानिवृत्त कर्मचारियों और अधिकारियों को दिया जाए।