कब और कहाँ दिखेगा सूर्य ग्रहण ?

सूत्र, दैनिक हिमाचल न्यूज:- पंचांग के मुताबिक, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को इस वर्ष का दूसरा व अंतिम सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। यह सूर्य ग्रहण एक आंशिक सूर्य ग्रहण है।

प्रतीकात्मक छायाचित्र

कब है सूर्य ग्रहण : 25 अक्टूबर

सूर्य ग्रहण प्रारम्भ : 04.28 pm
सूर्य ग्रहण समाप्ति : सूर्यास्त के साथ

सूतक काल : 25 अक्टूबर

सूतक काल प्रारम्भ : 03:17 am
सूतक काल समाप्ति : 05.42 pm

भारतीय समयनुसार, सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को दोपहर 04.28 बजे शुरू होकर सूर्यास्त के साथ समाप्त होगा।

क्या रहेगा सूतक काल ?

सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण शुरू होने के 12 घंटे पहले से आरंभ होता है और ग्रहण के साथ समाप्त होता है। चूंकि यह सूर्य ग्रहण भारत के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। इसलिए इसका सूतक काल मान्य होगा। इस प्रकार सूर्य ग्रहण का सूतक काल 25 अक्टूबर को प्रातः 03 बजकर 17 मिनट से प्रारम्भ होगा और 25 अक्टूबर को 05 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगा।

आइये अब जानते हैं कि आंशिक सूर्य ग्रहण आखिर क्या होता है ?

जब चन्द्रमा, सूर्य व पृथ्वी के बीच में इस प्रकार आता है कि सूर्य का केवल कुछ ही हिस्सा पृथ्वी से दिखाई नहीं देता। अर्थात चन्दमा, सूर्य के केवल कुछ भाग को ही अपनी छाया में ढक पाता है. जबकि सूर्य का कुछ भाग ग्रहण से अप्रभावित रहता है तो पृथ्वी के उस भाग विशेष में लगा ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण कहलाता है।

कहाँ कहाँ देखा जा सकेगा आगामी सूर्य ग्रहण ?

इस ग्रहण को मुख्य रूप से यूरोप, उत्तरी-पूर्वी अफ्रीका और पश्चिम एशिया के कुछ हिस्सों से देखा जा सकता है।

देश-विदेश के इन शहरों में दिखेगा सूर्यग्रहण ?

नई दिल्ली
बेंगलूरु
कोलकाता
चेन्नई
उज्जैन
वाराणसी
मथुरा
हेलसिंकी
मास्को
काबुल
इस्लामाबाद
तेहरान
बगदाद
यह कुछ लोकप्रिय शहर हैं, जहाँ से आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा।

यह ग्रहण अफ्रीका के दक्षिणी-पूर्वी हिस्सों, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका महाद्वीपों से दिखाई नहीं देगा।

सूर्य ग्रहण के दुष्प्रभाव से कैसे बचें ?

सूर्य ग्रहण के दिन क्या करें/सूर्य ग्रहण के बाद क्या करें?

सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है जिसका प्रभाव प्रत्येक संपूर्ण ब्रम्हांड पर पड़ता है। लेकिन कुछ साधारण उपाय हैं, जिनका पालन करने से आपको सूर्य ग्रहण के प्रभाव से काफी हद तक मुक्ति मिल सकती है।

सूर्य ग्रहण के तुरंत बाद किए जाने वाले कार्य:

सूर्य ग्रहण समाप्ति के तुरंत बाद सर्वप्रथम आपको स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ हो जाना चाहिए। यदि संभव हो तो स्नान किसी पवित्र नदी में करना अधिक लाभदायक माना जाता है।
इसके उपरांत ग्रहण काल में आपने जिन वस्तुओं के दान करने का संकल्प लिया था, उन सभी का दान विधिवत करना चाहिए।
सूर्य ग्रहण के उपरांत घर को अच्छे से साफ करें और गंगाजल और सामान्य जल से घर को स्वच्छ बनाएं।
इसके बाद ताजा भोजन पका कर वही भोजन खाएं और यदि कोई पुराना खाद्य पदार्थ बचा है, जो ग्रहण से पूर्व के समय का था, तो उसे प्रयोग में ना लाएं।
भोजन से पूर्व संभव है तो गौ ग्रास निकालें अर्थात पहली रोटी गौ माता को खिलाएं।


यदि आपके घर में कोई मंदिर है तो भगवान के पहने हुए कपड़े बदले और नए वस्त्र पहनाकर उनकी विधिवत पूजा-अर्चना करें।
सूर्य देव के किसी मंत्र का जाप करना भी लाभदायक रहेगा।
जिन व्यक्तियों की कुंडली में सूर्य देव की महादशा या अंतर्दशा अथवा प्रत्यंतर दशा चल रही हो उन्हें विशेष रूप से सूर्य देव की शांति करनी चाहिए।
चूंकि यह सूर्य ग्रहण वृषभ राशि में घटित हुआ है इसलिए वृषभ राशि के लोगों को विशेष रूप से सूर्य शांति करानी चाहिए।
बाकी सभी राशि के लोगों को भी सूर्य की भावानुसार स्थिति के अनुसार उचित उपाय करने चाहिए। यह उपाय हमारे अन्य लेख में उपलब्ध हैं।
सूर्य ग्रहण के बाद किए जाने वाले कुछ सामान्य उपाय:

सूर्य देव हमारे जीवन में आत्मा के कारक ग्रह हैं, इसलिए सूर्य ग्रहण होना हमारे लिए अशुद्धि का कारण बनता है क्योंकि यह हमारी आत्मा से जुड़ा होता है। इसलिए सूर्य ग्रहण के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए हमें अपने अंदर सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने की आवश्यकता होती है क्योंकि वातावरण में अत्यंत नकारात्मकता फैल जाती है, जिससे हमारा जीवन प्रभावित होता है।

माना जाता है कि ग्रहण के बाद सूर्य देव से संबंधित चीजों का दान करना और सूर्य देव के मंत्रों का जाप करना अत्यधिक लाभकारी होता है यदि आपकी कुंडली में सूर्य देव की स्थिति खराब है और वह प्रतिकूल भावों के स्वामी हैं तो किसी योग्य ब्राह्मण से तुरंत सूर्य शांति कराएं। इसके विपरीत यदि आपकी कुंडली में सूर्य की अच्छी स्थिति है अथवा सूर्य कुंडली के अच्छे भाव के स्वामी है तो आपको सूर्य देव की प्रसन्नता प्राप्त करने के लिए सूर्य ग्रहण वाले दिन संध्या समय में सूर्य गायत्री मंत्र का जाप करें।

हम यह आशा करते हैं कि सूर्य ग्रहण के बाद किए जाने वाले उपरोक्त उपायों के द्वारा आप सूर्य ग्रहण से मिलने वाले दुष्प्रभावों से बचने में सफल हो सकते हैं और जीवन में उत्तम सफलता अर्जित कर सकते हैं। साथ ही आपको स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं से भी मुक्ति मिलेगी और आप जीवन में मान सम्मान के अधिकारी भी बनेंगे।
ईश्वर सत्य है

LIC

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page