नशा मुक्ति: समाज के निर्माण में युवाओं की भूमिका:- हेमराज।

ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज- आज के दौर में नशा हमारे समाज के लिए एक विकराल समस्या बन चुका है। नशे की लत युवाओं को शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से कमजोर बना रही है । यह न केवल व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करता है, बल्कि परिवार, समाज और राष्ट्र के विकास में भी बाधक है। ऐसे समय में समाज निर्माण और नशा मुक्ति के लिए युवाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है।


नशा समाज के लिए गंभीर खतरा:-
नशा करने वाला व्यक्ति न केवल अपनी सेहत को नुकसान पहुंचता है, बल्कि उसके कारण परिवार टूटते हैं, सामाजिक अपराध बढ़ते हैं, बेरोजगारी बढ़ती है और समाज में अस्थिरता उत्पन्न होती है। विशेषकर युवा वर्ग यदि नशे की गिरफ्त में आ जाए तो देश का भविष्य अंधकारमय हो जाता है। युवाओं में नशे की प्रवृत्ति बढ़ने का प्रमुख कारण है: जिज्ञासा, दबाव, बेरोजगारी , मानसिक तनाव, कुसंगति और आसानी से नशे की उपलब्धता।


क्यों जरूरी है युवाओं की भूमिका:-
युवाओं के पास ऊर्जा, उत्साह और नवीन सोच है । वह समाज में किसी भी बदलाव के सबसे बड़े वाहक हैं । यदि युवा चाहे तो समाज में नशा जैसी सामाजिक बुराई को जड़ से उखाड़ जा सकता है।
समाज निर्माण में युवाओं की भूमिका:- युवाओं को चाहिए कि वह नशे से दूर रहकर एक सकारात्मक उदाहरण पेश करें। जब युवा खुद स्वस्थ और सशक्त होंगे तभी वे समाज को बेहतर बना सकते हैं।
जागरूकता अभियान चलाना :-
युवा गांव, कस्बे, स्कूल, कॉलेज और सामाजिक मंचों पर पोस्टर, रैली , भाषण , नुक्कड़- नाटक के माध्यम से नशे के दुष्प्रभाव को समाज के सामने लाने का प्रयास कर सकते हैं।

सोशल मीडिया का सदुपयोग:-
आज युवा सोशल मीडिया में बहुत सक्रिय है। फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब,व्हाट्सएप जैसे प्लेटफार्म पर नशा विरोधी संदेश भेजकर लाखों लोगों को जागरुक कर सकते हैं।
खेल एवं रचनात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देना:-
खेल, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं रचनात्मक गतिविधियों से युवा समाज के सभी वर्गों को नशे से दूर रहने का संदेश दे सकते हैं। युवा समाज में खेल क्लब, योग केंद्र एवं सांस्कृतिक मंच स्थापित कर सकते हैं।
नशा पीड़ित लोगों की मदद करना :-
नशा करने वालों का तिरस्कार करने के बजाय उन्हें सहयोग देना परामर्श केंद्र तक पहुंचाना और मनोवैज्ञानिक सहायता देना एक बड़ा मानवीय है।
प्रशासन एवं सरकार के साथ सहयोग:
नशे का व्यापार करने वालों की जानकारी प्रशासन एवं पुलिस को देना, सरकार की नशा मुक्ति योजनाओं में सक्रिय भागीदारी निभाना भी युवाओं का दायित्व है ।
परिणाम और प्रभाव :
जब युवा वर्ग नशा मुक्त होगा तो समाज में सकारात्मक परिवर्तन स्वत आ जाएगा ।स्वास्थ, शिक्षा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे ।अपराध दर में गिरावट आएगी । आर्थिक रूप से परिवार और समाज होगा नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों की पुनर्स्थापना होगी।


निष्कर्ष :
अगर युवा जागरुक हो जाए तो समाज में कोई भी बुराई अधिक समय तक टिक नही पाएगी। नशा मुक्ति कोई एक दिन का काम नहीं , बल्कि एक सतत आंदोलन है जिसमें युवाओं की सक्रिय भूमिका अत्यंत आवश्यक है। आज जरूरत है कि युवा अपनी ऊर्जा से नशा मुक्ति, स्वस्थ, सशक्त और उन्नत समाज का निर्माण करें ।
हेमराज, प्रवक्ता (अंग्रेजी) GSSS हिमरी कोटखाई (शिमला)

LIC

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