मिट्टी बचाओ अभियान के तहत बाइक रैली का आयोजन।

ब्यूरो,दैनिक हिमाचल न्यूज़:-(सोलन)इन्नरव्हील डिस्ट्रिक्ट 308 द्वारा डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट के अंतर्गत रविवार को मिट्टी बचाओ अभियान के तहत बाइक रैली का आयोजन किया गया।इस बाइक रैली का शुभारंभ चंडीगढ सेक्टर 17  से किया गया।जिसके बाद रैली सोलन की ओर रवाना हुई।इस दौरान बाइकर्स व इन्नरव्हील व्हील डिस्ट्रिक्ट  308 के पदाधिकारियों द्वारा जगह जगह रुककर लोगों को मिट्टी बचाओ के बारे में जागरूक किया।इस जागरूकता बाइक रैली में  विभिन्न राज्यों से लगभग 40 बाइकर्स ने भाग किया।सोलन स्थिति शूलिनी विश्वद्यालय  पहुंचने पर इन्नर व्हील क्लब सोलन,  इन्नरव्हील क्लब सोलन मिडटाउन व इन्नरव्हील क्लब सोलन सिटी के सभी प्रधान व सदस्यों ने उनका स्वागत किया।इस दौरान इन्नरव्हील डिस्ट्रिक्ट चेयरमैन 308 अपेक्षा को गर्ग,डिस्ट्रिक्ट एडिटर मीनाक्षी एस आनंद, जोनल काउंसलर संगीता त्रेहन व जेडसीसी शिविका गुप्ता विशेष रूप से मौजूद रहे।बता दे कि अभियान की शुरुआत जाने-माने भारतीय धर्मगुरु व पर्यावरण विद्वान सद्गुरु ने की थी।इन्नरव्हील डिस्ट्रिक्ट चेयरमैन 308 अपेक्षा को गर्ग ने शूलिनी विश्वद्यालय में छात्र-छात्राओं सहित अन्य को संबोधित करते हुए कहा कि मिट्टी के स्वास्थ्य पर काम करने की जरुरत है।मिट्टी की लगातार कम हो रही उपजाऊ क्षमता को रोकने के साथ कृषि गतिविधि को और अधिक मिट्टी के अनुकूल बनाने का काम करना चाहिए।इसका उद्देश्य मिट्टी की गंभीर स्थिति के बारे में जागरूकता पैदा करना है।

ईशा फाउंडेशन के सदस्य शशांक ने बताया की सद्गुरु ने इस अभियान का शुभारंभ मार्च 2022 में किया था।इसके बाद उन्होंने 24 जून को कोयंबटूर के ईशा योग केंद्र में दो सप्ताह के लंबे ‘राइड फार साइल’ अभियान को हरी झंडी दिखाई।उन्होंने बताया कि विभिन्न राज्यों के राइडर्स ने 112 फीट आदियोगी के सामने इस यात्रा के घरेलू चरण की शुरुआत की है।ये स्वयंसेवक और पेशेवर बाइकर आंदोलन के संदेश को भारत के विभिन्न शहरों में ले जा रहे हैं।वहीं पर्वतारोही अमित नेगी ने कहा कि मिट्टी के विलुप्त होने” से यह अभिप्राय है कि मिट्टी की गुणवत्ता और मिट्टी में पोषक तत्वों व सूक्ष्म जीवों का कम होना जिसके वजह से मिट्टी की उर्वरा क्षमता पर गंभीर प्रभाव पड़ा है।उन्होंने बताया कि वैज्ञानिकों का मानना है कि हमारी मिट्टी की ऊपरी 19 इंच की परत,45 से 60 वर्षों में अपनी गुणवत्ता काफी हद तक खो देगी जिसकी वजह से अन्न के उत्पादन में भारी कमी आ जाएगी और अगर ऐसा होता है तो हर देश में युद्ध की स्थिति हो सकती है।इस दौरान शूलिनी विश्वद्यालय सहित अन्य समाजसेवी इस दौरन उपस्थित रहे।

LIC

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