ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज- श्री राम लीला जन कल्याण समिति द्वारा प्राचीन ठाकुरद्वारा मंदिर कुनिहार के राजदरबार प्रांगण में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत महापुराण कथा का शुभारंभ हुआ। प्रथम दिवस की कथा का वाचन बाल व्यास सुश्री स्मृति भारद्वाज ने किया।

कथा व्यास ने श्रीमद्भागवत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह वेदों का सार है और देवताओं के लिए भी दुर्लभ अमृत कथा है। उन्होंने बताया कि श्रीमद्भागवत अर्थात ‘श्री’ से युक्त – जहां श्री का अर्थ है चैतन्य, सौंदर्य और ऐश्वर्य। यह कथा मानव जीवन को भक्ति, ज्ञान और वैराग्य से संपन्न बनाती है।

उन्होंने वृंदावन का अर्थ समझाते हुए कहा कि मनुष्य का मन ही वृंदावन है, लेकिन भक्ति भाव स्थायी तब होता है जब उसमें प्रेम और वैराग्य जुड़ा हो। नारद जी द्वारा भागवत कथा का अनुष्ठान इसी उद्देश्य से किया गया ताकि भक्ति के साथ ज्ञान और वैराग्य भी सजीव हो सकें। व्यास जी कहते हैं कि भागवत कथा एक कल्पवृक्ष की भांति है, जो जिस भाव से श्रवण की जाए, उसी भाव का फल देती है।

कथा के दौरान संगीत मंडली ने सुमधुर भजनों की प्रस्तुति दी और अंत में पावन आरती के साथ प्रथम दिवस का समापन हुआ। इस अवसर पर समिति अध्यक्ष रितेश जोशी, समिति सदस्य एवं सैकड़ों श्रद्धालु महिलाओं-पुरुषों ने कथा का रसपान किया।



