सीएम की मंशा स्पष्ट, हिमाचल की संपत्तियां निजी हाथों में सौंपने का प्रयास जारी
ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज :- भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संदीपनी भारद्वाज ने प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की मंशा स्पष्ट रूप से यह दर्शा रही है कि वे हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) के होटलों को निजी हाथों में सौंपे बिना चैन नहीं लेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार हिमाचल की संपत्तियों को “ऑन सेल” मोड में लाकर बेचने पर तुली हुई है।

संदीपनी ने कहा कि पहले सरकार द्वारा 18 होटलों को बेचने की बात सामने आई, फिर यह संख्या घटकर 14 और अब ताजा आंकड़ों में 6 होटलों की बिक्री की बात कही जा रही है। इससे स्पष्ट है कि सरकार का इरादा प्रदेश की बहुमूल्य पर्यटन संपत्ति को बेचने का है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार का दृष्टिकोण साफ है – बाहर से पूंजीपतियों को बुलाओ और प्रदेश की संपत्तियां बेच डालो।

इस बीच, एचपीटीडीसी कर्मचारी संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर होटलों के निजीकरण का विरोध दर्ज करवाया। संघ ने स्पष्ट किया कि निगम की संपत्तियों को निजी क्षेत्र को सौंपने से हजारों कर्मचारियों के भविष्य पर संकट आ जाएगा। इस पर मुख्यमंत्री सुक्खू ने आश्वासन दिया कि एचपीटीडीसी के छः होटल एप्पल ब्लॉज़्म फागू, लेक व्यू बिलासपुर, होटल चांशल रोहड़ू, होटल रोस कॉमन कसौली, होटल सरवरी कुल्लू और होटल ममलेश्वर चिंडी का संचालन निगम द्वारा ही किया जाएगा।

सेब के पेड़ बच सकते थे, पर सरकार की नाकामी सामने आई
संदीपनी भारद्वाज ने प्रदेश में सेब के पेड़ों के कटान को लेकर भी सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि यदि सरकार के पास इच्छाशक्ति और योजनाबद्ध दृष्टिकोण होता, तो इन पेड़ों को बचाया जा सकता था। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने इन पेड़ों की देखभाल में विफलता को स्वीकार करते हुए एक प्रकार से ‘श्वेत पत्र’ जारी कर दिया है।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि यदि ये फलदार पेड़ सुरक्षित रहते तो राज्य सरकार उन्हें आय के साधन में परिवर्तित कर सकती थी। लेकिन सरकार की असफलता के कारण अब मुख्यमंत्री जनता के समक्ष केवल दिखावा कर रहे हैं कि वे पेड़ों को बचाना चाहते थे। जबकि सच्चाई यह है कि कटान को रोका जा सकता था, पर सरकार ने ऐसा कोई प्रयास नहीं किया।



