पेंशनर हितों की अनदेखी पर नाराज़गी, राहत कोष में राशि कटौती की घोषणा से असहमति

ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज- हिमाचल प्रदेश पेंशन वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश प्रधान आत्माराम शर्मा द्वारा हाल ही में मुख्यमंत्री से भेंट कर आपदा राहत कोष में सभी पेंशनरों की एक दिन की पेंशन देने की घोषणा पर जिला सोलन के पुलिस पेंशनरों ने गहरा असंतोष व्यक्त किया है।

पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त पेंशनरों ने सवाल उठाया है कि जब तक सरकार पेंशनरों की वर्षों से लंबित वित्तीय देनदारियों का निपटारा नहीं करती, तब तक इस प्रकार की घोषणा करना उचित नहीं है। पेंशनरों का कहना है कि उन्हें ना तो डीए, ना मेडिकल भत्ता और ना ही एरियर मिल रहे हैं। यहां तक कि 2016 से 2022 तक सेवानिवृत्त हुए पेंशनरों को अभी तक उनका हक तक नहीं मिला है।

पेंशनरों का कहना है कि सरकार ने जहां एक ओर आपदा की घड़ी में बोर्डों और निगमों के अध्यक्षों व उपाध्यक्षों के वेतन भत्तों में बढ़ोतरी कर उन्हें 1,11,000 तक पहुंचा दिया, वहीं दूसरी ओर पेंशनरों की मांगों को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है। ऐसे में प्रदेश संगठन द्वारा बिना रायशुमारी के राहत कोष में एक दिन की पेंशन कटौती की घोषणा करना अन्यायपूर्ण है।

पुलिस पेंशनर वेलफेयर एसोसिएशन जिला सोलन के संयोजक व वरिष्ठ मुख्य सलाहकार धनीराम तनवर ने स्पष्ट किया है कि जब तक सरकार पेंशनरों के सभी वित्तीय लाभ नहीं देती, तब तक किसी भी प्रकार की कटौती के लिए कोई सहमति नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा कि यदि संगठन पहले पेंशनरों के हक दिलाने में सफल होता है, तो पेंशनर दो या तीन दिन की राशि देने को भी तैयार हैं।

तनवर ने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर सभी पेंशनरों से राय ली जा रही है और यदि बहुमत असहमति जताता है, तो सरकार, मुख्य सचिव और कोष विभाग को पत्र भेजकर सूचित किया जाएगा कि किसी भी पेंशनर की एक दिन की पेंशन बिना लिखित अनुमति के न काटी जाए।

उन्होंने सभी पेंशनरों से अपील की है कि वे दोपहर 2 बजे तक इस विषय पर अपनी राय साझा करें, ताकि आगामी रणनीति तय की जा सके।

LIC

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