ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज- नगर पंचायत अर्की के वार्डों के सीमांकन को लेकर उपजे विवाद के बीच अब स्थिति स्पष्ट हो गई है। जिला सोलन के उपायुक्त मनमोहन शर्मा (भारतीय प्रशासनिक सेवा) ने स्पष्ट आदेश जारी करते हुए कहा है कि नगर पंचायत अर्की के किसी भी वार्ड की सीमा में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा और सभी वार्डों की सीमाएं पूर्व के नगर निकाय चुनाव वर्ष 2020 के अनुसार ही यथावत रहेंगी।

यह आदेश हिमाचल प्रदेश नगर निकाय चुनाव नियमावली, 2015 के नियम संख्या 7 के अंतर्गत पारित किया गया है। उपायुक्त द्वारा जारी अधिसूचना में बताया गया है कि राज्य निर्वाचन आयोग की अधिसूचना क्रमांक 13-90/2016-5-1755 दिनांक 24 मई, 2025 के तहत नगर पंचायत अर्की के वार्डों के पुनर्निर्धारण का प्रस्ताव 30 मई, 2025 को प्रकाशित किया गया था। इस प्रस्ताव के संबंध में वार्ड संख्या 6 — ततला मोहल्ला — के निवासियों और वार्ड सदस्यों सहित कुल 33 व्यक्तियों द्वारा आपत्तियाँ एवं सुझाव प्रस्तुत किए गए।

दिनांक 16 जून को उपायुक्त कार्यालय में आयोजित बैठक में उक्त आपत्तिकर्ताओं ने एकमत से यह मांग रखी कि वार्ड की वर्तमान सीमाएं यथावत रखी जाएं। उन्होंने आशंका जताई कि यदि वार्ड सीमाओं में कोई परिवर्तन किया गया तो आधार कार्ड, स्थायी खाता संख्या कार्ड, यात्रा पत्र (पासपोर्ट), राशन पत्रिका, वाहन चालक अनुज्ञा पत्र तथा शैक्षणिक प्रमाणपत्र जैसे दस्तावेजों में संशोधन कराना अनिवार्य हो जाएगा, जिससे आम नागरिकों को अत्यधिक असुविधा और प्रशासनिक जटिलताओं का सामना करना पड़ेगा।

बैठक में उपस्थित सभी नागरिकों ने यह भी सुझाव दिया कि यदि सीमांकन करना अत्यावश्यक हो, तो वार्ड संख्या 7 का वह भाग जो प्रस्तावित रूप से वार्ड संख्या 6 में सम्मिलित किया जा रहा है, उसे जोड़ा जा सकता है, क्योंकि उस क्षेत्र के निवासियों को इस पर कोई आपत्ति नहीं है।
उपायुक्त मनमोहन शर्मा ने बैठक में नागरिकों द्वारा प्रस्तुत की गई बातों से सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान परिस्थिति में वार्ड संख्या 6 और 7 के सीमांकन में कोई परिवर्तन करना व्यावहारिक दृष्टि से लाभकारी नहीं है। अतः नगर पंचायत अर्की के सभी वार्डों की सीमाएं पूर्ववत रहेंगी।

इस निर्णय से नगर पंचायत अर्की के नागरिकों में संतोष का भाव है और उन्होंने राहत की सांस ली है। यह आदेश शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव, राज्य निर्वाचन आयोग, निदेशक शहरी विकास, उपमंडलीय अधिकारी (राजस्व) अर्की तथा नगर पंचायत अर्की को अग्रेषित कर दिया गया है।
यह निर्णय जन भावना और सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए लिया गया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि नागरिकों को किसी प्रकार की अनावश्यक प्रशासनिक या तकनीकी समस्या का सामना न करना पड़े।


