ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज- अर्की उपमंडल की ग्राम पंचायत दावटी के दावटीघाट गांव में मानवता और साहस का अनुकरणीय उदाहरण सामने आया है। गांव के निवासी तेजलाल और उनके पुत्र हैप्पी ने जंगल में घायल अवस्था में पड़ी एक मादा कक्कड़ को न सिर्फ समय रहते बचाया, बल्कि वन विभाग को सौंपकर उसकी जान भी बचाई।

जानकारी के अनुसार, पिता-पुत्र प्रतिदिन की तरह सुबह गौशाला जा रहे थे, तभी पास के जंगल में उन्होंने एक मादा कक्कड़ को गंभीर रूप से घायल अवस्था में देखा। जैसे ही वे उसके पास पहुंचे, उन्होंने देखा कि एक तेंदुआ उसका पीछा कर रहा था। स्थिति बेहद भयावह थी, लेकिन तेजलाल और हैप्पी ने हिम्मत दिखाई और बिना डरे मादा कक्कड़ के पास पहुंच गए, जिससे तेंदुआ वहां से भाग निकला।

स्थिति की गंभीरता को समझते हुए तेजलाल ने तुरंत गांव के पशु औषधि योजक नरेश कुमार को फोन कर मौके पर बुलाया। नरेश कुमार ने मौके पर पहुंचकर घायल कक्कड़ का प्राथमिक उपचार किया और बताया कि यह मादा कक्कड़ गर्भवती है तथा इसे तत्काल देखभाल की आवश्यकता है। इसके पश्चात तेजलाल ने वन विभाग को सूचित किया। विभाग की टीम के मौके पर पहुंचने पर घायल मादा कक्कड़ को सुरक्षित रूप से उनके सुपुर्द कर दिया गया।

तेजलाल और उनके बेटे हैप्पी की इस मानवीय और साहसिक पहल की ग्रामीणों सहित पूरे क्षेत्र में सराहना की जा रही है।
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इस संबंध में वन परिक्षेत्राधिकारी दाड़लाघाट सुदर्शन सिंह ने जानकारी दी कि मादा कक्कड़ का इलाज विभागीय परिसर में किया जा रहा है। जैसे ही वह पूरी तरह स्वस्थ हो जाएगी, उसे फिर से जंगल में सुरक्षित छोड़ दिया जाएगा। उन्होंने ग्रामवासियों विशेष रूप से तेजलाल और हैप्पी के साहसिक और संवेदनशील प्रयास की प्रशंसा की।



