ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज : उपमंडल अर्की के अंतर्गत मिड-डे मील वर्करों को बीते तीन माह से मानदेय नहीं मिला है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बदहाल हो गई है। मात्र 4500 रुपये के मामूली मानदेय पर काम कर रहीं ये महिलाएं और कर्मचारी अब अपने परिवार का भरण-पोषण भी नहीं कर पा रहे हैं।

मिड-डे मील वर्कर संत राम, परस राम, चंपा देवी, मीना देवी, धर्मी देवी, द्रौपदी देवी, रतनी देवी और सीमा देवी ने बताया कि सरकार उन्हें ना तो समय पर मानदेय देती है और ना ही किसी प्रकार की सुविधाएं मिल रही हैं।
उन्होंने बताया कि इन हालात में राशन का खर्च, बच्चों की पढ़ाई, इलाज और सामाजिक जिम्मेदारियों को निभाना मुश्किल हो गया है। इनका कहना है कि सरकार देश के बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए इन्हें नियुक्त करती है, लेकिन खुद इन वर्करों का परिवार आर्थिक और पोषण संकट से जूझ रहा है।

वर्करों ने बताया कि उन्हें किसी भी प्रकार की छुट्टी का अधिकार भी नहीं है। वे रोजाना स्कूलों में बच्चों के लिए भोजन बनाते हैं, लेकिन बदले में ना तो उन्हें उचित वेतन मिलता है और ना ही समय पर भुगतान।

उन्होंने प्रदेश सरकार से जल्द से जल्द लंबित मानदेय जारी करने और मानदेय राशि को बढ़ाने की मांग की है, ताकि वे सम्मानपूर्वक जीवन यापन कर सकें।



