ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज – अर्की विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत क्यार -कनैता के लोहारघाट गांव में चल रहे श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन भक्ति भाव से ओतप्रोत वातावरण में कथा का श्रवण हुआ। कथा व्यास पूज्य रसिक महाराज ने आज राजा परीक्षित और बालक ध्रुव के प्रसंगों का मार्मिक वर्णन किया, जिसने श्रोताओं को आत्मचिंतन और भक्ति की ओर प्रेरित किया।

उन्होंने बताया कि राजा परीक्षित ने जब श्राप से मृत्यु निश्चित जान ली, तो उन्होंने अपने जीवन के अंतिम सात दिन भगवान की भक्ति और भागवत कथा श्रवण को समर्पित कर दिए। उन्होंने महान तपस्वी शुकदेव जी से भागवत ज्ञान प्राप्त किया। यह प्रसंग दर्शाता है कि जीवन के अंतिम क्षणों में भी प्रभु भक्ति और आत्मज्ञान से मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है।

इसके बाद रसिक महाराज ने बालक ध्रुव की कथा सुनाई, जिसमें एक छोटे बालक ने मां की प्रेरणा से वन में जाकर कठोर तपस्या कर भगवान विष्णु को प्रसन्न किया। उन्होंने बताया कि ध्रुव की अटूट श्रद्धा और निष्ठा यह प्रमाणित करती है कि सच्चे मन से की गई भक्ति कभी निष्फल नहीं जाती। भगवान ने उसे आकाश में ध्रुव तारे के रूप में अमरत्व प्रदान किया।

कथा व्यास ने भक्ति, ज्ञान और वैराग्य के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत मनुष्य को आत्मा के सत्य स्वरूप को समझने और भगवान से जुड़ने का मार्ग दिखाता है।

इस पावन अवसर पर कथा आयोजक लक्ष्मी सिंह पंवार, बाबू राम पंवार, नरेश पंवार और कमलेश पंवार सहित समस्त ग्रामवासी श्रद्धा से कथा आयोजन में सहभागी बने। आगामी दिनों में प्रहलाद चरित्र, वामन अवतार और श्रीकृष्ण जन्मोत्सव जैसे प्रसंगों का वर्णन किया जाएगा।



