
ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज- विकास खंड कुनिहार के प्रधान व उपप्रधानों ने पंचायतों की स्वायत्तता में कटौती और विकास कार्यों में आ रही बाधाओं को लेकर गहरी नाराजगी जताई है। इस संबंध में प्रधान/उपप्रधान परिषद कुनिहार की ओर से परिषद अध्यक्ष रूप सिंह ठाकुर के नेतृत्व में मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भेजा गया।
परिषद अध्यक्ष रूप सिंह ठाकुर ने बताया कि 5 अप्रैल 2025 को सचिव, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग द्वारा आदेश जारी किए गए हैं, जिनमें वर्ष 2025-26 के लिए पंचायतों द्वारा निर्माण सामग्री की निविदाएं आमंत्रित करने पर रोक लगा दी गई है। इसके स्थान पर सामग्री की खरीद विकास खंड कार्यालय स्तर पर गठित समिति द्वारा की जाएगी।

उन्होंने कहा कि यह आदेश पंचायतों की वित्तीय स्वायत्तता पर सीधा प्रहार है। इससे पंचायतों को अपने स्तर पर विकास कार्य करवाने में बाधा उत्पन्न होगी और भ्रष्टाचार की आशंका भी बढ़ेगी। पंचायतें वर्षों से न्यूनतम दरों पर सामग्री खरीदकर विकास कार्य सुचारू रूप से कर रही थीं। अब खंड कार्यालय पर निर्भरता से काम में पारदर्शिता और गति दोनों प्रभावित होंगे।

रूप सिंह ठाकुर ने आगे कहा कि मनरेगा के तहत 20 से अधिक कार्यों पर लगाई गई रोक भी जनविरोधी है। “इससे लघु व सीमांत किसानों के छोटे-छोटे निजी कार्य नहीं हो पा रहे हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्र में विकास की गति थम रही है।
उन्होंने बीपीएल सूची चयन की नई प्रक्रिया पर भी चिंता जताते हुए कहा कि “वित्त वर्ष के प्रारंभ में यह प्रक्रिया लागू करना गरीब परिवारों के लिए मुश्किलें पैदा कर रहा है। अप्रैल महीने में स्कूल, कॉलेज और तकनीकी संस्थानों में प्रवेश के लिए बीपीएल प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है, जिसे अब लोग समय पर प्राप्त नहीं कर पा रहे।

परिषद ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि पंचायतों की स्वायत्तता और ग्रामीण विकास को ध्यान में रखते हुए इन आदेशों को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए।
ज्ञापन की प्रतिलिपि ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री, विभागीय सचिव और निदेशक को भी भेजी गई है।





