ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज:- हिमाचल प्रदेश के साइबर स्टेशन डेटा सेंटर 1930 को पूरे भारत में प्रतिष्ठित स्कॉच पुरस्कार के लिए चुना गया है। यह पुरस्कार देश में सामाजिक और आर्थिक बदलाव लाने वाले व्यक्तियों, परियोजनाओं और संस्थानों को सम्मानित करता है। इस चयन से हिमाचल प्रदेश का नाम पूरे देश में रोशन हुआ है। इससे पहले बद्दी पुलिस को यह सम्मान मिल चुका है, और अब साइबर स्टेशन डेटा सेंटर को इस पुरस्कार के लिए चुना गया है।

इस अवसर पर साइबर अपराध के पुलिस उपमहानिरीक्षक के नेतृत्व में साइबर स्टेशन की टीम राज्य गुप्तचर विभाग के पुलिस महानिदेशक से मिली। इस दौरान पुलिस महानिदेशक ने टीम को बधाई दी और भविष्य में और अधिक बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित किया। साथ ही, उन्होंने साइबर स्टेशन की टीम को सुचारू संचालन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।

इस दौरान गुप्तचर विभाग के पुलिस महानिरीक्षक, अपराध शाखा के पुलिस उपमहानिरीक्षक, साइबर अपराध शाखा के पुलिस अधीक्षक, मादक पदार्थ विरोधी इकाई के पुलिस अधीक्षक, अपराध एवं साइबर अपराध शाखा के पुलिस अधीक्षक, सुरक्षा शाखा के पुलिस अधीक्षक और साइबर अपराध थाना के प्रभारी सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे।
साइबर स्टेशन डेटा सेंटर की कार्य प्रणाली
साइबर स्टेशन डेटा सेंटर आठ प्रमुख क्षेत्रों में कार्य कर रहा है, जिनमें शामिल हैं—
- ग्राहक सेवा सहायता केंद्र: यह 1930 टोल-फ्री नंबर पर प्राप्त होने वाली शिकायतों का चौबीसों घंटे समाधान करता है।
- बैंक समन्वय केंद्र: यह सभी बैंकों और उनके नोडल अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करता है।
- हिमाचल साइबर अपराध समन्वय केंद्र: यह नोडल इकाई के रूप में कार्य करता है और साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल को अपडेट करता है।
- डेटा विश्लेषण केंद्र: यह डेटा संग्रह और विश्लेषण का कार्य करता है।
- साइबर फॉरेंसिक प्रयोगशाला: यह जांच अधिकारियों को तकनीकी सहायता प्रदान करता है।
- साइबर प्रशिक्षण एवं अनुसंधान केंद्र: यह साइबर अपराध से संबंधित प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करता है।
- सोशल मीडिया विश्लेषण दल: यह साइबर खुफिया जानकारी एकत्रित करता है।
- साइबर अपराध रोकथाम केंद्र: यह साइबर अपराध पर नियंत्रण के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करता है।
साइबर स्टेशन की उपलब्धियां
साइबर स्टेशन 1930 चौबीसों घंटे जनता की सहायता के लिए कार्यरत है। यहां प्रतिदिन 450-500 कॉल प्राप्त होती हैं, जिनमें वित्तीय धोखाधड़ी और सोशल मीडिया से जुड़े अपराधों की शिकायतें शामिल हैं। वर्ष 2024 में कुल 1,10,794 शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें 19% शिकायतें महिलाओं, 2% बच्चों और 71% पुरुषों से संबंधित थीं।
ग्राहक सेवा सहायता केंद्र की टीम सभी शिकायतों का 100% उत्तर देती है। वित्तीय धोखाधड़ी से संबंधित मामलों को तुरंत साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर अपलोड किया जाता है, जिससे ठगी गई राशि को होल्ड किया जा सके। प्रतिदिन लगभग 40 से 50 शिकायतें इस पोर्टल पर दर्ज की जाती हैं। वर्ष 2024 में अब तक 11,982 शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिनमें कुल 114 करोड़ रुपये की ठगी हुई थी। साइबर स्टेशन की तत्परता के चलते 15 करोड़ रुपये शिकायतकर्ताओं को वापस दिलाए गए हैं।
फिलहाल साइबर स्टेशन में 21 कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें 9 महिलाएं भी शामिल हैं। यह केंद्र हिमाचल प्रदेश में साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और इसे “गेम चेंजर” के रूप में देखा जा रहा है।




