संस्कारों की सरिता में आस्था का स्नान: कर्तव्य और सेवा की अनूठी मिसाल

दैनिक हिमाचल न्यूज :- महाकुंभ में आस्था, संस्कार और कर्तव्यपरायणता की अद्भुत झलक देखने को मिली, जहां परिवारों ने प्रेम और सेवा का भाव प्रदर्शित करते हुए अपने परिजनों के साथ पुण्य स्नान किया।
एक तस्वीर में दो भाई अपने 95 वर्षीय वृद्ध पिता को स्नान कराते हुए कर्तव्य और श्रद्धा की मिसाल पेश कर रहे  है।

वहीं, दूसरी तस्वीर में एक बहू अपनी वृद्ध सास को अपनी पीठ पर लेकर स्नान के लिए ले जाती हुई, समर्पण और सेवा की भावना को दर्शा रही है। तीसरी तस्वीर में एक दादा जी अपने नाती को स्नान कराते हुए भारतीय संस्कृति और संस्कारों को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं।
महाकुंभ का यह पवित्र स्नान न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि संस्कृति और पारिवारिक मूल्यों की सजीव अभिव्यक्ति भी है। यह प्रेरणादायक दृश्य बताते हैं कि हमारी परंपराएं, रिश्तों की डोर से बंधी हुई हैं और हमें अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए इन्हें आगे बढ़ाना चाहिए।

LIC

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