ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज:- प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 108 एम्बुलेंस सेवा मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। प्रशिक्षित ईएमटी (इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन) और डॉक्टरों की उचित परामर्श प्रणाली से यह सेवा न केवल समय पर चिकित्सा सहायता प्रदान करती है, बल्कि कई बार जीवन बचाने वाले फैसले लेने में भी सहायक सिद्ध होती है।
इसी कड़ी में, अर्की अस्पताल में ईएमटी के रूप में सेवाएं दे रहे पराग वर्मा ने एम्बुलेंस में 41वां सफल प्रसव कर अपनी कुशलता और अनुभव का परिचय दिया। इस घटना में चुनौती तब बढ़ गई जब गर्भवती महिला को लेकर अर्की से शिमला ले जाया जा रहा था और रास्ते में उसकी प्रसव पीड़ा बढ़ गई। विशेष स्थिति यह थी कि बच्चा उल्टा (ब्रीच पोजिशन) था, जिससे प्रसव जटिल हो गया। पराग वर्मा ने डॉक्टरों के परामर्श और अपनी सूझबूझ का इस्तेमाल करते हुए, सावधानीपूर्वक महिला का सुरक्षित प्रसव करवाया।
इस पूरी प्रक्रिया में एम्बुलेंस चालक किशोरी लाल (नरेश) ने भी अपनी भूमिका निभाई। महिला ने एक स्वस्थ बेटी को जन्म दिया, और जच्चा-बच्चा दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं।
स्थानीय लोगों ने पराग वर्मा के इस साहसिक और सराहनीय कार्य की जमकर प्रशंसा की। उनका कहना है कि 108 एम्बुलेंस सेवा और इसमें कार्यरत कर्मी ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं की रीढ़ बन चुके हैं। पराग वर्मा ने अपने समर्पण, सूझबूझ और कुशलता से यह साबित कर दिया कि सही समय पर लिए गए निर्णय से जटिल परिस्थितियों को भी सफलता में बदला जा सकता है।