बाघल लैंड लूजर परिवहन सहकारी सभा की पूर्व प्रबंधक कमेटी के हक में आया फैसला,कमेटी के खिलाफ़ दायर रिवीजन पिटिशन हुई खारिज।

ब्यूरो,दैनिक हिमाचल न्यूज़:-(दाड़लाघाट)  बाघल लैंड लूजर परिवहन सहकारी सभा दाड़लाघाट की पूर्व प्रबंधक कमेटी को बर्खास्त करने का फैसला गैरकानूनी था यह फैसला अपील में पंजीयक सहकारी सभाएं शिमला द्वारा दिया गया था,उस फैसले के खिलाफ कुछ लोगों ने सेक्रेटरी कॉपरेटिव डिपार्टमेंट शिमला के पास रिवीजन पिटिशन दायर की थी जिसका आज फैसला आ गया है तथा यह फैसला भी पूर्व प्रबंधक कमेटी के हक में आया है तथा पूर्व प्रबंधक कमेटी के खिलाफ   की गई रिवीजन पिटिशन को खारिज कर दिया गया है।इस प्रकार पूर्व प्रबंधक कमेटी को पहले अपील में रजिस्ट्रार द्वारा आरोप मुक्त कर दिया गया था तथा सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं सोलन द्वारा कमेटी को बर्खास्त करने के फैसले को गलत करार दिया था।अब रिवीजन पिटिशन में सेक्रेटरी कॉपरेटिव डिपार्टमेंट एचपी सेक्रेटेरिएट शिमला ने भी रजिस्ट्रार सहकारी सभा शिमला के फैसले को चुनौती देने वाली रिवीजन पिटिशन को खारिज कर दिया है।सभा की पूर्व प्रबंधक समिति के अध्यक्ष रामकृष्ण शर्मा ने इससे सच्चाई की जीत करार दिया तथा कहा कि पूर्व कमेटी को एक षड्यंत्र के तहत राजनीति का शिकार बनाया गया था।जिस आधार पर पूर्व कमेटी ने मल्टी एक्सेल वाहन प्रदान किए थे उसी आधार पर सरकारी प्रशासक ने भी मल्टी एक्सल गाड़ियों की अनुमति प्रदान की।समिति ने कहा कि जब प्रशासक व सरकार ने भी  उन्हीं नीतियों का अनुसरण करते हुए मल्टी एक्सेल गाड़ियों की अनुमति प्रदान की तो फिर पूर्व प्रबंधक कमेटी को किस आधार पर हटाया गया था।पूर्व प्रधान रामकृष्ण शर्मा ने कहा है कि कमेटी के अभाव में आम ऑपरेटरों ने बहुत बड़ी कीमत चुकाई है।सभा का काम दूसरी नई बनी सहकारी सभाओं ने हड़प लिया है तथा सभा में आम ऑपरेटर की आर्थिक स्थिति में भारी गिरावट आई है।सभा में अराजकता बढ़ी है,सभा के कारोबार में गिरावट आई है।सभा में लोगों की परेशानियां बढ़ी है।कुछ लोग जो सभा के चुनाव नहीं चाहते उन्होंने प्रदेश उच्च न्यायालय में 241 लोगों की सदस्यता समाप्त करने की याचिका दायर कर रखी है तथा उसमें माननीय उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश चल रहे हैं जिसके चलते हैं चुनाव पर रोक लगी है परंतु हाल ही में 26 सितंबर निर्मला देवी बनाम गोल्डन लैंड लूजरज सहकारी सभा की याचिका में प्रदेश उच्च न्यायालय की डिवीजन बेंच का फैसला आने के बाद इन 241 लोगों की सदस्यता भी वैध मानी जा चुकी है।लेकिन कुछ सदस्य अभी भी सभा में ऐसे हैं जिन्हें चुनाव से डर लगता है और वह चुनाव से भाग रहे हैं।

LIC

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