ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज:- शिव मंदिर दाडलाघाट, 25 अगस्त 2024: हरिजन सेवक संघ हिमाचल प्रदेश की कार्यकारिणी की बैठक आज राज्य प्रतिनिधि एवं अध्यक्ष चुन्नीलाल बंसल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य 29 सितंबर को आयोजित होने वाले पहले राज्य स्तरीय सद्भावना सम्मेलन की तैयारियों पर विस्तार से चर्चा करना था। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य जात-पात, ऊंच-नीच, और अस्पृश्यता जैसी सामाजिक बुराइयों को हिमाचल प्रदेश से समाप्त करने की पहल करना है।

बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इस सम्मेलन के मुख्य अतिथि के रूप में हरिजन सेवक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. शंकर कुमार सान्याल को आमंत्रित किया जाएगा। विशेष अतिथियों के नामों की घोषणा बाद में की जाएगी। साथ ही, राज्य भर के सभी पंजीकृत संगठन, धार्मिक संगठन, मानवता की भलाई के लिए कार्य कर रहे संगठन, और सनातन धर्म के हितेषी जो जात-पात और अस्पृश्यता जैसी बुराइयों को मिटाने में विश्वास रखते हैं, उन्हें इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। इसके अलावा, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को भी सम्मेलन के उद्देश्यों से अवगत कराने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।

सम्मेलन को सुचारू रूप से आयोजित करने के लिए बैठक में एक रूपरेखा तैयार की गई है। स्थान के चयन के लिए सोलन जिले में एक उपयुक्त स्थान का चयन किया जाएगा, जिसकी सूचना बाद में दी जाएगी।
इस अवसर पर, हरिजन सेवक संघ की कार्यकारिणी के नवनिर्वाचित सदस्य खेमराज, जो एसपीजी में अपनी महत्वपूर्ण सेवाएं देकर हाल ही में सेवानिवृत्त हुए हैं, ने 27 और 28 तारीख को दिल्ली में हुई राष्ट्रीय स्तर की वार्षिक बैठक की रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसके अलावा, बैठक में ओम प्रकाश को जिला शिमला शाखा का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया।

इस अबसर पर हरिजन सेवक संघ शाखा जिला सोलन के अध्यक्ष धर्मपाल गर्ग,हिमाचल प्रदेश कार्यकारिणी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कैलाश चंद भाटिया, उपाध्यक्ष ललित मोहन कश्यप, सचिव प्रेमचंद धीमान, सह- सचिव मोहनलाल बुशैहरी, कोषाध्यक्ष दुनीचंद सहोत्र, सूचना प्रभारी नरपत राम वर्धन और सह मीडिया प्रभारी राजेंद्र कुमार ने अपने विचार साझा किए और सम्मेलन की सफलता के लिए सहयोग का आह्वान किया।
हिमाचल प्रदेश के सभी समाजसेवी संगठनों और नागरिकों से अपील की गई है कि वे इस सद्भावना सम्मेलन को सफल बनाने के लिए अपना सहयोग प्रदान करें और प्रदेश को जात-पात और छुआछूत से मुक्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दें।




