• हिमाचल प्रदेश 2023-24 में 11840 करोड का ऋण लेने की ओर अग्रसर
• बजट में मात्र भाजपा सरकार की योजनाओं का नाम बदलने का काम किया गया: अनुराग ठाकुर
ब्यूरो,दैनिक हिमाचल न्यूज:- हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा पेश बजट पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मामलों के मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने प्रतिक्रिया देते हुए इसे जनता को गुमराह करने वाला बजट बताया। उन्होंने कहा कि इस बजट में ना तो विजन है ना डायरेक्शन है।
हमीरपुर से सांसद ठाकुर ने कहा, “जब से हिमाचल में कांग्रेस की सरकार आई है तब से विकास के सारे कार्य ठप हैं। हिमाचल में कांग्रेस सरकार का यह बजट पूरी तरह दिशाहीन है। कांग्रेस का यह बजट नीयत और नीति विहीन है। इस बजट में मात्र भाजपा सरकार की योजनाओं का नाम बदलने का काम किया गया है। हिमाचल की कई महत्वपूर्ण योजनाएं जैसे गृहिणी सुविधा योजना, शगुन योजना, सहारा योजना, हिम केयर योजना और मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के ऊपर चुप्पी का मतलब है कि इस बजट में इन योजनाओं के लिए कोई प्रवर्धन नहीं किया गया”
कांग्रेस पर महिलाओं को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए श्री ठाकुर ने कहा, ” आज बजट घोषणा में इन्होंने हिमाचल प्रदेश में मात्र 2 लाख 31 हज़ार महिलाओं को ₹1500 प्रतिमाह देने की बात की है। इसकी भी देनदारी के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं दिखता। जब यह सरकार बनी थी तो हिमाचल की 32 लाख महिलाओं की बात की जा रही थी। इससे पता चलता है कि यह सरकार लोगों को सिर्फ गुमराह कर रही है।”
आगे हिमाचल सरकार द्वारा बजट में केंद्र सरकार के बजट की नकल करने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, ” केंद्रीय बजट में पूरे भारत में 197 मेडिकल कॉलेज बनाने की घोषणा की गई है। इसका श्रेय राज्य की कांग्रेस सरकार लेना चाहती है। ग्रीन एनर्जी और क्लाइमेट चेंज पर भी केंद्र सरकार ने बजट में विशेष प्रावधान किए हैं। मुख्यमंत्री जी ग्रीन एनर्जी की घोषणा कर इसका भी श्रेय खुद लेना चाहते हैं।”
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर बजट में झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए श्री ठाकुर ने कहा, “राज्य सरकार के बजट में कहीं भी गोबर खरीदने, दूध खरीदने या 300 यूनिट फ्री बिजली का जिक्र नहीं किया गया है”
अनुराग ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश 2023-24 में 11840 करोड का ऋण लेने की ओर अग्रसर है, इस ऋण के पैसे में से पुराना ऋण चुकाने और ब्याज पर हिमाचल प्रदेश का 11068 करोड़ खर्च होगा और अगर लोन की गति इसी प्रकार से रही, तो अगले साल तक हिमाचल प्रदेश पर 84000 करोड़ से ज्यादा का ऋण होगा ।
ब्याज पर हिमाचल प्रदेश सरकार का 5562 करोड़ और लोन की किस्त देने पर 5506 करोड रुपए खर्च होने जा रहा है जिसका कुल जोड़ 1168 करोड़ है।