ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज :- बाघल विकास परिषद के प्रधान एवं माइनिंग एरियाज लैंड लूजर सोसायटी ग्याना के संस्थापक परस राम ने बताया कि शुक्रवार को उनकी बैठक प्रदेश मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में शिमला सचिवालय में आयोजित कि गई थी।
बैठक में उद्योग मंत्री, निदेशक उद्योग विभाग एवं अन्य अधिकारीयों ने भाग लिया।बैठक में अम्बुजा से संबंधित माइनिंग एरिया से लैंड लूज़र परिवार एवं प्रभावित परिवारों की कुछ महत्वपूर्ण समस्याएँ जो की पिछले लगभग 30 सालों से चली आ रही है जिसका अभी तक बार-बार कम्पनी से मौखिक व लिखित रूप से पत्राचार के माध्यम से आज तक कोई हल नहीं निकला है।उन्होने कहा कि इस विषय में वर्ष 1992 एमओयू में कंपनी और माइनिंग एरिया के लैंड लूज़र परिवारों के साथ जो लिखित समझोते हुए थे,उनको आज तक भी निष्पक्ष रूप से लागू नहीं किया गया।
इसमे माइनिंग एरिया में अम्बुजा द्वारा अवैज्ञानिक तरीके से की जा रही ब्लास्टिंग से जल संसाधन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके है तथा उनको यथावत स्थिति में करवाया जाए।दूसरा हमारे एरिया में कंपनी की वजह से जो प्रदूषण हो रहा है उसके लिए सरकार द्वारा सख्त कदम उठाए जाए तथा जो जान व माल का नुकसान हो रहा है उसका उचित मुवावजा सरकार द्वारा दिलाया जाए।तीसरा प्रत्येक लैंड लूज़र व प्रभावित परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर प्रत्यक्ष रूप से नियमित रोजगार दिलाया जाए,जिसका एमओयू 16 जून 1992 में भी प्रावधान है।परस राम पिंकु ने बताया कि जिन लैंड लूज़र परिवारों के लोगो की जमीन अधिग्रहण के समय रोजगार दिया गया था और जब अंबुजा द्वारा भूमि अधिग्रहण कर ली गई तो उसके उपरांत उन लैंड लूज़र कर्मचारियों पर झूठे आरोप लगाकर उनको रोजगार से जान बुझ कर निकाला गया,उनको यथावत तुरंत प्रभाव से रोजगार दिया जाए व उचित मुआवजा दिया जाए।अम्बुजा ब्लास्टिंग की वजह से जो लोगों के घरों में दरारे आई है उन लोगों को उचित मुआवजा दिया जाए।अवार्ड संख्या 2/2002 में राजस्व रिकोर्ड में छेड़-छाड़ मामले के कारण जो औसत गिर गई थी, उसकी दुरुस्ती की जाए और लोगो को उचित मुवाजा दिया जाये व जो इस छेड़-छाड़ का मुख्य आरोपी है,उसके खिलाफ सख्त से सख्त क़ानूनी करवाई की जाए।
परस राम ने बताया की इस विषय में कई बार प्रशासन व कंपनी को पत्राचार किया जा चुका है परन्तु आज तक इन मुद्दों का कोई हल नहीं हो पाया है,उन्होंने कहा कि माइनिंग एरियाज के लोग अपनी जमीनों को दोबारा से अपना कब्जा लेने के तैयार हो चुके हैं क्योंकि लैंड लूजर एवम् प्राभावित परिवारों ने कंपनी को जमीन इसी शर्त पर दी थी कि उनको रोजगार मिल सके।उन्होंने प्रदेश सरकार से इस विषय को गम्भीरता से लेने व उचित कार्यवाही अम्ल में लाने की मांग की है।