ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज— ग्राम पंचायत बलेरा के गांव बलेरा में बरसात के दौरान हुए भारी भूस्खलन से मुख्य सड़क मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। इसी दौरान गांव की सिंचाई कुहल भी भारी मलबे के नीचे दब गई थी। लोक निर्माण विभाग ने करीब एक माह पहले सड़क को तो बहाल कर दिया, लेकिन कुहल अब तक मलबे में दबी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि कुहल बंद होने से उनकी जमीनें पूरी तरह सूख चुकी हैं।

अब लहसुन, अदरक, गेहूं, मटर और सरसों जैसी रबी फसलों की बुवाई का समय शुरू हो चुका है, लेकिन सिंचाई के अभाव में वे खेती नहीं कर पा रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार, पूरा गांव इसी कुहल पर निर्भर है और इसके बंद होने से उनकी फसलें व आजीविका दोनों पर खतरा मंडरा रहा है।
ग्रामीणों ने इस समस्या को लेकर स्थानीय बीडीसी सदस्य शशिकांत गौतम से मदद मांगी। उन्होंने स्वयं मौके का निरीक्षण किया और एसडीएम अर्की को ईमेल के माध्यम से ग्रामीणों की समस्या से अवगत करवाया। शशिकांत गौतम ने प्रशासन और संबंधित विभाग से कुहल की जल्द से जल्द मरम्मत करवाने की मांग की, ताकि किसान समय पर अपनी बुवाई शुरू कर सकें।

इस विषय पर एसडीएम अर्की निशांत तोमर ने बताया कि ग्राम पंचायत बलेरा में बरसात के दौरान कुहल क्षतिग्रस्त होने की सूचना प्राप्त हुई है। इस संबंध में जल शक्ति विभाग को आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देश भेज दिए गए हैं।

वहीं, जल शक्ति विभाग के अधिशाषी अभियंता विवेक कटोच ने बताया कि विभाग को ईमेल के माध्यम से कुहल के क्षतिग्रस्त होने की जानकारी मिली है। संबंधित अधिकारी को मौके का निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं, जिसकी रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

