ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज- नवरात्रि के पावन अवसर पर विकास खंड सोलन की ग्राम पंचायत पट्टाबरावरी स्थित श्री बांके बिहारी मंदिर परिसर में मंगलवार से श्रीमद्भागवत कथा महोत्सव का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत कलश यात्रा से हुई। इस आयोजन का उद्देश्य केवल धार्मिक आस्था को गहरा करना ही नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं के भीतर भक्ति और आध्यात्मिक ज्ञान की जागृति करना भी है।

कथा का शुभारंभ अंतरराष्ट्रीय सनातन धर्म प्रचारक आचार्य परमश्रद्धेय हरिजी महाराज ने कलश यात्रा से किया। उनके पट्टाबरावरी आगमन पर क्षेत्रवासियों ने फूलमालाओं से उनका स्वागत किया। कथा स्थल पर पहुंचकर हरिजी महाराज ने श्री बांके बिहारी मंदिर, शिव मंदिर, खाटूश्याम मंदिर और शीतला माता मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना की। इसके बाद मंत्रोच्चार के बीच कलश की स्थापना की गई, जो कथा आरंभ का प्रतीक माना गया।

अपने प्रवचन में आचार्य हरिजी महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि ईश्वर हर कण में विद्यमान हैं और उनके स्मरण से सभी दुख दूर हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि जीवन की कठिनाइयों में भी श्रीकृष्ण भक्ति से मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त किया जा सकता है।

नवरात्रि पर्व की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए हरिजी महाराज ने बताया कि यह पर्व शक्ति स्वरूपा माता पार्वती के नौ रूपों की उपासना का प्रतीक है। उन्होंने माता के शैलपुत्री और ब्रह्मचारिणी स्वरूप की व्याख्या करते हुए कहा कि माता ने कठोर तपस्या कर भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया।

हरिजी महाराज ने कहा कि जब संसार में अधर्म और कष्ट बढ़ते हैं, तब भगवान श्रीकृष्ण और भगवान श्रीराम जैसे अवतार धर्म की पुनः स्थापना करते हैं। उन्होंने श्रद्धालुओं को समझाया कि श्रीमद्भागवत कथा केवल धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने की राह और आध्यात्मिक शिक्षा भी प्रदान करती है।


