दैनिक हिमाचल न्यूज
उपमंडल की ग्राम पंचायत खनलग के गांव रौड़ी में लग रहे तारकोल प्लांट को बंद करने की मांग को लेकर आज गांववासियों ने स्थानीय विधायक संजय अवस्थी को एक ज्ञापन दिया !

अर्की ब्लॉक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व वरिष्ठ नेता सतीश कश्यप के माध्यम से सौंपे गए इस ज्ञापन में गांव वासियों ने उक्त प्लांट खोलने पर रोष प्रकट किया है तथा इस प्लांट को शीघातिशीघ्र बंद करवाने की मांग की है ! इन लोगांे का कहना है कि इस प्लांट के खुलने से स्थानीय लोगों स्वास्थय,पर्यावरण,पशु,खेती बच्चों पर गंभीर दुष्प्रभाव पड़ेंगे ! उनका कहना था कि यह प्लांट गलोग से जोखाघाटी निर्माणाधीन सड़क के ठेकेदार द्धारा बनाया जा रहा है ।
इन लोगों को आरोप है कि इस प्लांट को लगाने के लिए ग्राम पंचायत द्धारा न ही कोई आम सभा बुलाई गई न ही ग्राम वासियों से कोई राय ली गई ! यहां तक कि क्षेत्रवासियों से किसी प्रकार का अनापत्ति प्रमाण पत्र भी नहीं लिया गया ! ज्ञापनदाताओं का कहना है कि गलोग कुनिहार सड़क पर रौड़ी गांव के निकट ठेकेदार द्धारा तारकोल प्लांट लगाने के लिए भूमि को समतल करने के लिए कटाई की गई है ! लोगों का कहना है कि पूर्व में भी इसी पंचायत में धारड़ूधार नामक स्थान के समीप इसी प्रकार का प्लांट लगाने का कार्य आरंभ किया गया था परंतु निकट की पंचायतों व ग्रामीणों के विरोध के चलते इस प्लांट का कार्य बंद करवा दिया गया था ! परंतु अब पुनः इनकी पंचायत में तारकोल प्लंाट लगाने के लिए पंचायत द्धारा प्रस्ताव के माध्यम से उक्त ठेकेदार को यह प्लांट लगाने के लिए अनुमति दी गई है ! इन लोगों ने चिंता जताई है कि उक्त तारकोल संयंत्र से निकलने वाला धुआं और गैस हवा को प्रदूषित करेगी जिससे संास की बीमारियों का खतरा बढ़ेगा ! संयत्र की मशीनों से उत्पन्न शोर गांव की शांति को भंग करेगा तथा रासायनिक अपशिष्टों के कारण जल स्त्रोत दूषित हो सकते हैं ! लोगों ने चिंता जताई है कि इससे मिट्टी की उर्वरता और स्थानीय जीव जंतुओं पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा ! उनका कहना है कि इस प्लांट के लगभग दस मीटर के दायरे में सेब नाशपाती और आड़ू के फलदार बागान हैं जो इस प्लांट से निकलने वाले धुऐं से नष्ट हो जाऐंगे ! साथ ही घासनी व खेत भी रासायनिक गैसों के कारण बर्बाद हो जाऐंगे ! इन लोगों ने मांग की है कि तत्काल प्रभाव से इस प्लांट की स्थाई व अस्थाई एनओसी को रद्द किया जाए तथा प्लांट को किसी अन्य स्थान पर बनाया जाए ! लोगों का कहना था कि यदि इस पर काई कारवाई नहीं की गई तो उन्हें आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ेगा जिसकी जिम्मेवारी स्थानीय प्रशासन,पंचायत व ठेकेदार की होगी !




