ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज : देवधार मंदिर समिति शेरपुर के तत्वावधान में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा यज्ञ श्रद्धा और उल्लास के साथ सम्पन्न हो गया। कथा वाचक हिदेन्द्र मोहन शर्मा ने आयोजन समिति को सफल आयोजन के लिए बधाई दी और भक्तों को अंतिम दिन के प्रवचन में जीवन में धर्म और सत्य की राह पर चलने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा हमें प्रेम, करुणा और सेवा का मार्ग दिखाती है।

कथा के समापन के उपरांत मंदिर समिति द्वारा धार वाले देवता जी की भव्य जात्र का आयोजन किया गया। ढोल-नगाड़ों और वाद्ययंत्रों की मधुर धुनों के बीच देवता जी का रथ मूल स्थान सेरी घाट ले जाया गया। वहां उपस्थित जातरुओं ने देवता के गुर हरिराम भारद्वाज के साथ मिलकर मथा टेका और सबके लिए मंगलकामना की।
देवता जी का रथ पुनः शेरपुर गांव लाया गया, जहां हजारों श्रद्धालुओं ने उनके दर्शन किए। वातावरण देवता जी की जयकारों और भक्तिमय ऊर्जा से गूंज उठा। सभी भक्तों को आशीर्वाद देने के बाद देवता महाराज वापिस मंदिर में विराजमान हो गए।

गुर हरिराम भारद्वाज ने नौ दिनों तक चले इस धार्मिक आयोजन को सफल बनाने के लिए मंदिर समिति और सभी श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन हमें संस्कृति और परंपरा से जोड़ते हैं और समाज में आपसी प्रेम और समर्पण की भावना को प्रोत्साहित करते हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी इस प्रकार के आयोजन सामूहिक सहयोग से होते रहेंगे।
इस आयोजन ने क्षेत्र में धार्मिक आस्था और सामूहिकता की मिसाल पेश की।



