ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज – श्री रेणुका जी (बायला) में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन कथा वाचक पूज्य श्री तरुण आचार्य जी ने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का भावपूर्ण वर्णन किया।
कथा के दौरान सती चरित्र, गज-ग्राह की कथा और कपिल भगवान द्वारा माता को दिए गए उपदेशों को श्रोताओं के समक्ष प्रभावी तरीके से प्रस्तुत किया गया। इन प्रसंगों में धर्म, त्याग और भक्ति का महत्व उजागर किया गया।
पूज्य आचार्य जी ने सनातन धर्म की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा, “स्वधर्मे निधनं श्रेयः।” उन्होंने यह संदेश दिया कि धर्म का पालन ही सच्चा कल्याण है और सत्य सनातन धर्म का आचरण ही जीवन की सार्थकता है। आचार्य जी ने सभी से सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने का आग्रह किया।
कथा में यजमान ऊरमगि राम जी, भुवनेश्वर दत्त जी, राजेश शर्मा जी, हरीश कौशल शर्मा जी, नरेंद्र मोहन शास्त्री जी, पंडित केशव राम जी और समस्त ग्रामवासियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
यह साप्ताहिक यज्ञ 9 दिसंबर तक श्रद्धा और उत्साह के साथ जारी रहेगा। आयोजकों ने सभी श्रद्धालुओं से कथा में उपस्थित होकर पुण्य लाभ अर्जित करने की अपील की है।