ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज: कोटशेरा कॉलेज में आज एसएफआई की इकाई का 38वां सम्मेलन आयोजित किया गया। इस दौरान कामरेड कमलेश को इकाई अध्यक्ष और कामरेड तिलक राज को इकाई सचिव चुना गया। सम्मेलन में 29 सदस्यीय कार्यकारिणी का गठन किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन राज्य उपाध्यक्ष सनी ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान में महिलाओं और बच्चों का सबसे अधिक शोषण हो रहा है। केंद्र में भाजपा सरकार के आने के बाद से महिला उत्पीड़न के मामले बढ़े हैं। इस सम्मेलन के जरिए उत्पीड़ित महिलाओं के लिए आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी।
उद्घाटन सत्र में राज्य उपाध्यक्ष ने कॉलेज में हॉस्टल सुविधा की कमी पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि कोटशेरा कॉलेज में 3500 छात्र-छात्राएं शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, लेकिन उन्हें बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। सम्मेलन ने इस मुद्दे पर भविष्य में आंदोलन का निर्णय लिया।
सम्मेलन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की वापसी, लिंग संवेदनशील कमेटी की मांग, छात्र संघ चुनाव बहाली, महिलाओं पर बढ़ते हमलों, बेरोजगारी, सांप्रदायिकता और नशे जैसे मुद्दों पर प्रस्ताव पारित किए गए।
एसएफआई शिमला जिला सचिव कामरेड कमल ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा शिक्षा का निजीकरण और भगवाकरण शिक्षा प्रणाली पर बड़ा हमला है। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 21ए के तहत शिक्षा के अधिकार को जीवन का अधिकार माना गया है, लेकिन आज देश में लगभग 13 करोड़ बच्चे शिक्षा से वंचित हैं।
कामरेड कमल ने यह भी कहा कि हिमाचल प्रदेश बेरोजगारी में देश में दूसरा स्थान रखता है और शिक्षा के स्तर में 21वें स्थान पर आ गया है। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे छात्र राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाएं ताकि सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक चेतना का विकास हो सके।
कार्यक्रम का समापन इकाई अध्यक्ष कामरेड कमलेश ने किया। उन्होंने कहा कि पारित प्रस्तावों को लेकर रणनीतिक आंदोलन किए जाएंगे और कैंपस में छात्रों के मुद्दों के लिए जोरदार प्रयास जारी रहेंगे।