ब्यूरो,दैनिक हिमाचल न्यूज़:-अर्की प्रदेशभर के शारीरिक शिक्षकों के खाली पदों का मामला लगातार ज्वलंत मुद्दा बनता जा रहा है।माध्यमिक विद्यालयों में शारीरिक शिक्षक का यह पद लुप्त हो चुका है।वहीं डीपीई के भी 380 वरिष्ठ विद्यालयों में पद रिक्त हैं।इस विषय पर शारीरिक शिक्षक संघ खंड अर्की इकाई के प्रधान भास्करानंद ठाकुर ने बताया कि विद्यालय में शिक्षा का आधार अनुशासन है।जिसके बिना किसी भी अन्य माध्यम से विद्या ग्रहण एवं जीवन में उन्नति करने में सक्षम नहीं हो सकता।माध्यमिक विद्यालय के छात्र जीवन में बच्चे शारीरिक एवं मानसिक परिवर्तनों से गुजरते हैं।उस समय जहां अन्य खेलों से वे शारीरिक सुदृढ़ बनते हैं वहीं परस्पर स्पर्धा एवं सहयोग भावना भी विकसित होती है।जबकि माध्यमिक विद्यालय से शारीरिक शिक्षक का ही पद गायब है।एक ओर जहां फिट इंडिया मूवमेंट योग से निरोग तथा खेलों की ओर अभिरुचि की योजनाएं बनती है।उन्हें बिना शिक्षक यह कैसे सार्थक किया जा सकता है।शारीरिक शिक्षक का कार्य केवल प्रार्थना सभा करवाना या छात्रों को पंक्तिबद्ध करना ही नहीं होता,बल्कि छात्र के सर्वांगीण विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण शारीरिक शिक्षक का ही कार्य होता है।इसलिए विश्वभर के मनोवैज्ञानिकों ने क्रीडा को शिक्षा का मूल आधार बताया है।उन्होंने सरकार से मांग की है कि धरातल पर शिक्षा को सुदृढ़ करने के लिए शारीरिक शिक्षकों को विद्यालय तक पहुंचाएं।