ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज:- अर्की उपमण्डल के अंतर्गत चढ़ेरा-बैंजहट्टी में आयोजित दिव्य भगवती गंगा कथा के चौथे दिन आचार्य रसिक महाराज ने शास्त्रों के महत्व और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी।
उन्होंने कहा कि शास्त्रों का अध्ययन और कर्मकांडों का पालन मनुष्य को अज्ञान से मुक्ति दिलाकर उसे सच्चे ज्ञान की ओर ले जाता है। उन्होंने श्रोताओं को आध्यात्मिक ज्ञान का मार्ग दिखाते हुए कहा कि संसार अस्थायी है और सच्चा सत्य केवल परमात्मा है, जिसे बाहरी नेत्रों से नहीं देखा जा सकता।
आचार्य रसिक महाराज ने कहा कि हमें सांसारिक माया और मोह से ऊपर उठकर भक्ति, ज्ञान और वैराग्य के माध्यम से त्याग की भावना तक पहुंचना चाहिए। संसार में रहते हुए भी हमें परमात्मा से प्रेम करना चाहिए और सांसारिक बंधनों को त्यागना चाहिए।
कथा के दौरान श्रोताओं को अज्ञान रूपी अंधकार से बाहर लाने का प्रयास करते हुए उन्होंने कहा कि इस जीवन को सार्थक बनाने के लिए शास्त्रों का अध्ययन और धर्म के मार्ग पर चलना अति आवश्यक है। अंत में उन्होंने सभी के कल्याण की कामना करते हुए कहा कि हर कोई सुखी रहे, स्वस्थ रहे और कोई भी दुःख में न हो।
आचार्य के इस ज्ञानपूर्ण उपदेश से श्रोताओं ने प्रेरणा लेकर अपने जीवन में धर्म का मार्ग अपनाने का संकल्प लिया।