ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज:- उपमंडल अर्की का प्राचीन ऐतिहासिक मेला-मंगल बनिया देवी आज धूमधाम से मनाया गया जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया और माता वनदुर्गा बनिया देवी के चरणों में अपना माथा टेका।

उल्लेखनीय है कि अर्की उपमंडल के ग्रीष्मकालीन मेलों की श्रृंखला इसी स्थान से ज्येष्ठ मास की सक्रांति से बनिया-री-जात्रा नामक मेले से प्रारंभ होती हैं। इसके उपरांत अर्की उप मंडल में विभिन्न स्थानों पर मेलों और दंगलों का दौर प्रारंभ हो जाता है और अंत में आषाढ़ महीने के प्रथम मंगलवार को फिर इसी स्थान पर मेला-मंगल बनिया देवी (मंगल़ो-रा-मेला) मनाया जाता है और इसी के साथ ही अर्की मंडल के ग्रीष्मकालीन मेलों पर एक वर्ष के लिए विराम लग जाता है। मेला-मंगल बनिया देवी में श्रद्धालु अपनी गेहूं की फसल आने की खुशी में मंदिर में गेहूं और अपनी गेहूं से बनाई गई चपातियां और हलवा माता को अर्पित करते हैं और अपनी मन्नत मांगते हैं। जिन माताओं के छोटे बच्चे होते हैं वह अपने बच्चों की खुशहाली के लिए मंदिर से थोड़ी दूरी पर स्थित ग्यासिया देवी (षष्ठी माता) के मंदिर में भी पूजा अर्चना करती हैं और अपने नवजात बच्चों को बीमारी से बचाव के लिए प्रार्थना करती है। रमेश गौतम अध्यक्ष पुजारी समिति बनिया देवी ने बताया कि कहा जाता है कि यदि किसी बच्चे को वाणी दोष हो तो ग्यासिया माता के मंदिर से मिट्टी ले जाकर उसे बच्चों की जीह्वा पर लगाने से उसका वाणी दोष ठीक हो जाता है।


