ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज:-अर्की उपमंडल की ग्राम पंचायत बखालग के डोडी-बाह्वां स्थित श्री धारवाले देव जी के मंदिर परिसर में श्रीराम कथा का आयोजन किया जा रहा है। इस पवित्र कथा में कथावाचक हेमंत भारती प्रतिदिन व्यासगद्दी से अमृतवचनों की वर्षा कर रहे हैं, जिससे श्रद्धालुओं में भक्ति और आनंद का संचार हो रहा है।
आज की कथा में भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव का भावपूर्ण वर्णन किया गया। हेमंत भारती ने भगवान श्रीराम के जन्म की दिव्य कथा सुनाई, जिसमें उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम का जन्म त्रेता युग में अयोध्या में हुआ था। उनका जन्म केवल एक राजा के रूप में नहीं, बल्कि धर्म की स्थापना और अधर्म का नाश करने के लिए हुआ था। जब पृथ्वी पर अधर्म और अत्याचार बढ़ गए, तब भगवान विष्णु ने राजा दशरथ और रानी कौशल्या के पुत्र के रूप में अवतार लिया।
भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव उत्साह और उल्लास के साथ मनाया गया, जिसमें श्रद्धालुओं ने भक्ति और प्रेम से भगवान श्रीराम का जयघोष किया। हेमंत भारती ने कहा कि भगवान श्रीराम के जीवन से हमें मर्यादा, सत्य, और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने भगवान श्रीराम के आदर्शों को अपनाने और अपने जीवन में उनके उपदेशों का पालन करने पर जोर दिया।
श्रीराम कथा के इस आयोजन में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। भक्तजन कथा का श्रवण कर अपने जीवन को धर्ममय बना रहे हैं। मंदिर परिसर भक्ति और आस्था के वातावरण से गूंज रहा है।
इस कथा में स्थानीय देव श्री धारवाले देवता जी के भक्ति का प्रसंग भी सुनाया गया, जिसमें माता गढ़कालिका जी ने उन्हें अपना पूर्ण आशीर्वाद दिया था। कथा में भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव, उनकी बाल लीलाओं, शिक्षा-दीक्षा और महर्षि विश्वामित्र जी द्वारा श्रीराम और लक्ष्मण को राजा दशरथ से जंगल ले जाने के प्रसंग का भी वर्णन किया गया।
श्रीराम कथा का यह आयोजन आगामी दिनों में भी जारी रहेगा, जिसमें भगवान श्रीराम के जीवन से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण प्रसंगों का वर्णन किया जाएगा। आयोजकों ने सभी श्रद्धालुओं से इस पवित्र कथा में भाग लेने और भगवान श्रीराम के दिव्य जीवन से प्रेरणा लेने का आग्रह किया है।